शिक्षा सम्मेलन सह शिक्षक सम्मान समारोह : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व पुरानी पेंशन की बहाली की उठी मांग

सीतामढ़ी (डुमरा)। स्थानीय एमपी हाई स्कूल, डुमरा के सभागार में सोमवार को जिला अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले भव्य शिक्षा सम्मेलन सह शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिलेभर से आए सैकड़ों शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विनोद बिहारी मंडल ने की, जबकि संचालन खुशनंदन मंडल और मोनिका कुमारी ने संयुक्त रूप से किया।
अतिथियों का हुआ स्वागत व दीप प्रज्वलन
कार्यक्रम के आगत अतिथियों का स्वागत जिला सचिव दिलीप कुमार शाही ने शॉल, माला एवं बुके देकर किया। समारोह का उद्घाटन विधायक पंकज मिश्रा, डॉ. मिथिलेश कुमार, एमएलसी रेखा कुमारी, वंशीधर ब्रजवासी, पूर्व विधायक रामनरेश यादव तथा लोक अभियोजक विमल शुक्ला ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर हुई चर्चा
सम्मेलन का मुख्य विषय “वर्तमान परिस्थिति में प्रारंभिक शिक्षा की दशा एवं दिशा” रखा गया। वक्ताओं ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा की मजबूती ही उच्च शिक्षा की नींव को सुदृढ़ बनाती है। इस क्रम में शिक्षकों के योगदान और जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
शिक्षिका वीणा कुमारी सहित कई शिक्षक सम्मानित
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण शिक्षकों का सम्मान था। मध्य विद्यालय कोआही, रून्नीसैदपुर की शिक्षिका वीणा कुमारी, जिन्हें शिक्षक दिवस पर राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, को पुनः समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय एवं राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों में द्विजेंद्र कुमार, डॉ. गोपाल, ज्ञानवर्धन कंठ, शशिकांत कर्ण, मनोज कुमार यादव, भिखारी महतो, नुसरत खातून, प्रियंका कुमारी, खुशनंदन मंडल, अमर आनंद, बरखा रानी एवं नारायण सहनी को भी मिथिला पाग, शॉल और मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया।
संघर्षशील शिक्षकों व दिवंगत शिक्षक की धर्मपत्नी का भी सम्मान
शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए आमरण अनशन करने वाले विनोद बिहारी मंडल, मुकेश कुमार, अजय कुमार, ब्रह्मदेव राम और मरणोपरांत शिक्षक बिंदेश्वर पासवान की धर्मपत्नी राजकली देवी को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इसी तरह संघ के संघर्ष में बहुमूल्य योगदान देने वाले और शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों – दिलीप कुमार शाही, रामनिहीरा ठाकुर, अवधेश कुमार, राधेश्याम सिंह, सोजेंद्र महतो, शिवशंकर यादव, अशोक कुमार, शेखर ठाकुर, चंद्रिका यादव, योगेंद्र पासवान, मो. रागीव अहमद, उपेंद्र चौधरी, शरीफुर रहमान, रामरतन पासवान, हरदेव बैठा, खुर्शीद अहमद, विजय कुमार, विजय त्रिवेदी एवं रामनरेश ठाकुर को भी सम्मानित किया गया।
एक देश, एक शिक्षा की मांग
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संघ के राष्ट्रीय महासचिव भोला पासवान ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे मजबूत चेचिस पर ही मजबूत बॉडी का निर्माण होता है, वैसे ही प्रारंभिक शिक्षा रूपी चेचिस को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने एक देश, एक शिक्षा, एक सिलेबस और एक किताब की नीति लागू करने की मांग की। साथ ही शिक्षकों के हित में पुरानी पेंशन योजना की बहाली की भी जोरदार वकालत की।
जनप्रतिनिधियों व शिक्षाविदों ने रखे विचार
इस अवसर पर विधायक पंकज मिश्रा, एसआरके गोयनका कॉलेज के प्राचार्य ओम प्रकाश राय, विधायक डॉ. मिथिलेश कुमार, एमएलसी वंशीधर ब्रजवासी, पूर्व विधायक रामनरेश यादव, लोक अभियोजक विमल शुक्ला, डीइओ राघवेंद्र मणि त्रिपाठी, हरदेव बैठा, विजय कुमार शुक्ल, दिनेशचंद्र द्विवेदी, विमल कुमार परिमल एवं केदार शर्मा समेत कई वक्ताओं ने शिक्षा की चुनौतियों एवं समाधान पर विचार व्यक्त किए।
भारी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाओं की भागीदारी
समारोह में जिलेभर से शिक्षक-शिक्षिकाओं की बड़ी भागीदारी देखने को मिली। इसमें प्रमुख रूप से रामकलेवर कुमार, रणधीर सिंह, हरिवंश पासवान, रामपुकर राय, प्रेम प्रकाश मंडल, परशुराम सिंह, अशोक कुमार, श्यामसुंदर सिंह, पंकज कुमार, संजय कुमार, विजय कुमार, सरोज श्रीवास्तव, मी. जावेद, फेकन बैठा, प्रमोद कुमार, डॉ. अखिलेश, अजय ठाकुर, संजय चौधरी, मनोज कुमार, सादिक अनवर उस्मानी, अरविंद कुमार, मो. फैयाज, रामदेव पंडित, विनोद मंडल, राजेंद्र चौधरी, अब्दुस समद अंसारी, प्रेम कुमार, विनोद प्रसाद, अंजू कुमारी, रंजना झा, आशा कुमारी, पुष्पलता कुमारी, अर्चना कुमारी, गंगा प्रसाद, प्रभाकर कुमार, एकता कुमारी व चंचला कुमारी सहित अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।
यह सम्मेलन न केवल शिक्षकों को सम्मान देने का अवसर बना, बल्कि शिक्षा की वर्तमान चुनौतियों, उसके स्तर को सुधारने और शिक्षकों के अधिकारों की बहाली के लिए आवाज बुलंद करने का भी मंच साबित हुआ। समारोह ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जब तक प्रारंभिक शिक्षा को सुदृढ़ नहीं किया जाएगा, तब तक शिक्षा की पूरी इमारत मजबूत नहीं हो सकती।
