समस्तीपुर। मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सुरक्षित शनिवार अभियान के तहत प्रखंड रोसरा के प्राथमिक विद्यालय भरत दास मंदिर में शनिवार को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को नाव दुर्घटना और पानी में डूबने जैसी घटनाओं से बचाव के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम का संचालन फोकल शिक्षक सह जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर राकेश कुमार ने किया।
राकेश कुमार ने बच्चों को विस्तार से बताया कि नाव दुर्घटनाएं और डूबने की घटनाएं अचानक होती हैं और इनसे बचाव के लिए सजगता व सावधानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में नदी, तालाब, पोखर या अन्य जल स्रोतों में डूबने की घटनाएं आम हो जाती हैं। ऐसे में बच्चों को सतर्क रहना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ‘क्या करें और क्या न करें’ (Do’s & Don’ts) को सरल भाषा में समझाते हुए कहा कि –
नाव पर चढ़ते समय धैर्य और अनुशासन बनाए रखना चाहिए, धक्का-मुक्की बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।
नाव में बैठने के बाद अनावश्यक इधर-उधर घूमना या खड़ा होना खतरनाक साबित हो सकता है।
नाव या पानी के किनारे खेलना बच्चों के लिए घातक हो सकता है, इसलिए ऐसी जगहों से दूरी बनाए रखना आवश्यक है।
तैरना न जानने वाले बच्चों को कभी भी अकेले नदी या तालाब के किनारे नहीं जाना चाहिए।
यदि किसी को पानी में डूबते देखा जाए तो घबराना नहीं चाहिए बल्कि तुरंत बड़ों को सूचित करना चाहिए और रस्सी, डंडा या अन्य साधनों से मदद करनी चाहिए।
इसके साथ ही राकेश कुमार ने बच्चों को मॉक ड्रिल कराते हुए पानी में फंसे व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकालने की तकनीक का प्रदर्शन किया। उन्होंने समझाया कि दुर्घटना के समय घबराहट सबसे बड़ी दुश्मन होती है। यदि संयम और तकनीक से काम लिया जाए तो जान बचाई जा सकती है।
विद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी बाल संसद के सदस्य और बाल प्रेरक उपस्थित रहे। उन्होंने भी प्रशिक्षक से सवाल पूछकर जानकारी हासिल की। बच्चों ने संकल्प लिया कि वे न केवल खुद इन नियमों का पालन करेंगे बल्कि अपने परिवार और दोस्तों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे।
विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के लिए बेहद उपयोगी हैं, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में नदी, तालाब और नाव का उपयोग आम है। जागरूकता के अभाव में हादसे होते हैं, लेकिन यदि बच्चों को बचाव तकनीक पहले से पता रहे तो बड़ी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।
अंत में विद्यालय परिवार और बच्चों ने फोकल शिक्षक राकेश कुमार का आभार जताते हुए कहा कि इस तरह के सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होते रहने चाहिए ताकि बच्चों में सुरक्षा के प्रति सजगता बनी रहे।