जिले के सभी CHO को अपने अपने HWC का इंटरनल असेसमेंट पूरा करने का मिला टास्क

एनक्वास की तैयारियों को लेकर जिले की सीएचओ को दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण
चेकलिस्ट भरने व समस्याओं को दूर करने के लिए अनिवार्य टूल्स की दी गई जानकारी
बक्सर, 12 जून | जिले में ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने व लाभुकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाओं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को अपग्रेड किया जाना है। इस क्रम में जिले के 12 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स का चयन किया गया है। जिनको नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस/एनक्वास) के लिए तैयार किया जाएगा।
इसके लिए इन चयनित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के सीएचओ के साथ शेष सीएचओ को एनक्वास की तैयारियों को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें पीरामल फाउंडेशन की शिल्पा गांधी ने सभी सीएचओ को चेक लिस्ट भरने व उनके फैसिलिटी की समस्याओं को दूर करने के लिए अनिवार्य टूल्स की जानकारी दी।
मास्टर ट्रेनर के रूप में पीरामल फाउंडेशन की शिल्पा गांधी ने बताया कि एनक्वास के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि सेवाओं व सुविधाओं को लेकर आपकी फैसिलिटी पर किसी प्रकार की समस्या या बाधा न रहे। इसके लिए हमें सभी समस्याओं को बारीकियों से जांच करनी होगी।
उन्होंने कहा कि जब क्वालिटी के लिए काम किया जाता है तो फैसिलिटी में कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती है। जिसमें हमें उन समस्याओं के कई कारक देखने को मिलता है। ऐसे में हमें एक एक समस्याओं का हल निकालना होगा। इसके लिए हम लोगों को क्वालिटी टूल्स की मदद लेना अनिवार्य हो जाता है। जिसकी मदद से हम फैसिलिटी की समस्याओं को हल कर सकते हैं।
समस्याओं के निराकरण के लिए फिश बोन एनालिसिस जरूरी
ट्रेनर शिल्पा गांधी ने बताया कि अलग अलग हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स या स्वास्थ्य संस्थानों की अपनी अलग अलग समस्याएं हैं। जिनको चिह्नित करने के लिए फिश बोन एनालिसिस बेहद जरूरी है। जिसके कई उपयोग हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसके माध्यम से अलग-अलग परिस्थितियों में समस्याओं के संभावित कारणों की पहचान कर सकते हैं।
साथ ही, इसके जरिए संस्थान में उत्पन्न समस्याओं के गुणवत्ता पूर्ण नियंत्रण के लिए विशिष्ट समय पर किन संसाधनों की आवश्यकता है, उसकी भी जानकारी भी मिलती है। उन्होंने बताया कि फिशबोन एनालिसिस “छह एम” का अनुश्रवण करता है। जिसमें मटेरियल, मेथड, मेजरमेंट, मैन पावर, मशीन व मदर नेचर शामिल हैं। जो हमें संस्थानों में समस्याओं को चिह्नित करने में मददगार साबित होते हैं।
जिले के सभी एचडब्ल्यूसी को होगा असेसमेंट
प्रशिक्षण के दौरान डीसीक्यूए रुचि कुमारी ने सीएचओ को बताया कि एनक्वास के लिए जिले के 12 एचडब्ल्यूसी का चयन किया गया है। जिनमें सदर प्रखंड का नदांव, डुमरांव प्रखंड का लाखन डिहरा, इटाढ़ी प्रखंड के इंदौर व पिठनी, नावानगर प्रखंड के कड़सर, सिमरी प्रखंड के काजीपुर व खरहाटांड़, ब्रह्मपुर प्रखंड के गायघाट, राजपुर प्रखंड के खरहना तथा चौगाईं प्रखंड के वीरपुर व अमसारी एचडब्ल्यूसी शामिल हैं।
इन एचडब्ल्यूसी को अपना इंटरनल असेसमेंट कर चेकलिस्ट जल्द से जल्द पूरा कर जमा कर दें। जिसके बाद चेक लिस्ट की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि इन एचडब्ल्यूसी के अलावा जिले के सभी एचडब्ल्यूसी का एक्सटर्नल असेसमेंट किया जाएगा। इसके लिए सभी एचडब्ल्यूसी के सीएचओ अपने स्तर से इंटरनल असेसमेंट कर चेकलिस्ट जमा करेंगे। ताकि, शेष एचडब्ल्यूसी को भी एनक्वास के लिए तैयार किया जा सके।