हर घर तिरंगा अभियान के तहत प्राथमिक विद्यालय नाही में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित

अवंतिका सिंह के नेतृत्व में बच्चों ने बिखेरी देशभक्ति की रंगीन छटा
कानपुर देहात, सरवनखेड़ा ब्लॉक। आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में “हर घर तिरंगा” अभियान 2025 के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय नाही में एक रंगारंग सांस्कृतिक गतिविधि का आयोजन किया गया। विद्यालय की शिक्षिका अवंतिका सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों ने पूरे उत्साह और जोश के साथ प्रतिभाग किया।
देशभक्ति के रंगों से सजी रंगोली
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह प्रार्थना सभा के साथ हुई, जिसके बाद शिक्षिका अवंतिका सिंह ने बच्चों को “हर घर तिरंगा” अभियान की महत्ता समझाई। उन्होंने बताया कि यह अभियान केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना को घर-घर तक पहुँचाने का एक माध्यम है। इसके बाद रंगोली प्रतियोगिता की शुरुआत हुई।
विद्यालय परिसर में बच्चों ने तिरंगे के रंग – केसरिया, सफेद और हरे – से सुंदर और मनमोहक आकृतियाँ बनाई। किसी ने तिरंगे की आकृति को रंगों से उकेरा, तो किसी ने अशोक चक्र के साथ ‘जय हिंद’ का संदेश दिया।
बच्चों की रचनात्मकता ने जीता दिल
प्रतियोगिता में कक्षा 1 से लेकर ऊपरी कक्षाओं तक के सभी छात्रों ने भाग लिया। छोटे बच्चों ने सरल लेकिन आकर्षक डिज़ाइन बनाए, जबकि बड़े छात्रों ने जटिल और कलात्मक रंगोली से सभी का ध्यान खींचा। रंगोली के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रीय एकता और विविधता में एकता का संदेश भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
निर्णायक मंडल और पुरस्कार वितरण
विद्यालय में मौजूद शिक्षकों ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई और रचनात्मकता, साफ-सफाई और संदेश के आधार पर विजेताओं का चयन किया। विजेता छात्रों को विद्यालय की ओर से प्रशंसा पत्र और प्रोत्साहन पुरस्कार दिए गए। शिक्षिका अवंतिका सिंह ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों की इस कला में छुपा देशप्रेम देखकर गर्व होता है। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे अपने घर पर भी तिरंगा अवश्य फहराएँ और पड़ोसियों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
हर घर तिरंगा का संदेश
अवंतिका सिंह ने कहा कि “हर घर तिरंगा” अभियान सिर्फ 15 अगस्त तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे साल हमें अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाता है। उन्होंने बताया कि इस तरह की प्रतियोगिताएँ न केवल बच्चों की प्रतिभा को निखारती हैं, बल्कि उनमें देश के प्रति सम्मान और प्रेम भी बढ़ाती हैं।
स्थानीय लोगों की सराहना
कार्यक्रम को देखकर विद्यालय में आए अभिभावक और स्थानीय ग्रामीण भी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से बच्चों में न केवल कला के प्रति रुचि बढ़ती है, बल्कि राष्ट्रप्रेम भी प्रबल होता है।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों ने मिलकर तिरंगे के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और एक स्वर में “भारत माता की जय” के नारे लगाए।
इस प्रकार, प्राथमिक विद्यालय नाही, ब्लॉक सरवनखेड़ा में हुआ यह रंगोली प्रतियोगिता कार्यक्रम हर घर तिरंगा अभियान का एक जीवंत उदाहरण बन गया, जिसने बच्चों और ग्रामीणों के दिलों में देशभक्ति की नई लौ जगा दी।





