उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमनौर सुल्तान में प्रभारी प्रधानाध्यापिका की अनोखी पहल
अमनौर (सारण)। शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय आने और अनुशासन का महत्व समझाने के उद्देश्य से उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमनौर सुल्तान (गोशी अमनौर) की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंजू कुमारी ने एक सराहनीय पहल शुरू की। उन्होंने विद्यालय में घोषणा की थी कि जो भी बच्चे स्कूल की ड्रेस पहनकर आएंगे, उन्हें निशुल्क टाई और बेल्ट दिया जाएगा।
इस मुहिम का असर आज विद्यालय परिसर में साफ नजर आया। लगभग सभी बच्चे निर्धारित स्कूल ड्रेस में विद्यालय पहुंचे। प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंजू कुमारी ने स्वयं प्रत्येक छात्र-छात्रा को टाई और बेल्ट वितरित किया। बच्चों के चेहरों पर खुशी झलक रही थी। विद्यालय का माहौल उत्साहपूर्ण और अनुशासित दिखाई दिया।
अनुशासन और समानता का संदेश
प्रधानाध्यापिका रंजू कुमारी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ यूनिफॉर्म पहनने को प्रोत्साहित करना नहीं है, बल्कि अनुशासन, समानता और आत्मविश्वास का भाव छात्रों में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि जब सभी बच्चे एक समान ड्रेस में विद्यालय आते हैं तो उनमें एकता और भाईचारे की भावना बढ़ती है।
उन्होंने कहा, “विद्यालय की पहचान बच्चों से है, और बच्चों की पहचान उनकी ड्रेस से होती है। जब बच्चे एकरूपता के साथ विद्यालय आते हैं, तो उनमें आत्मगौरव की भावना विकसित होती है। हमारा प्रयास है कि हर बच्चा न केवल नियमित रूप से विद्यालय आए बल्कि गर्व से अपनी ड्रेस पहने।”
बच्चों में उत्साह और शिक्षकों में संतोष
कार्यक्रम के दौरान सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने बताया कि पहले कुछ बच्चे बिना ड्रेस के विद्यालय आते थे, जिससे अनुशासन में असमानता दिखती थी। लेकिन आज सभी छात्र-छात्राएं ड्रेस में उपस्थित थे, जिससे विद्यालय का वातावरण अधिक आकर्षक और शिक्षाप्रद बन गया।
छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि टाई और बेल्ट मिलने से उन्हें गर्व का अनुभव हो रहा है और अब वे नियमित रूप से ड्रेस में विद्यालय आएंगे।
प्रेरणादायक पहल
यह पहल न केवल विद्यालय स्तर पर बल्कि पूरे प्रखंड में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है। रंजू कुमारी का यह प्रयास दर्शाता है कि यदि संकल्प और संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाए, तो विद्यालय शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
अभिभावकों ने भी इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी पहल से बच्चों का मनोबल बढ़ता है और वे शिक्षा के प्रति अधिक जिम्मेदार बनते हैं।
इस प्रकार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमनौर सुल्तान की यह पहल शिक्षा, अनुशासन और समानता के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय कदम साबित हो रही है, जो आने वाले समय में अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।