रूनीसैदपुर, सीतामढ़ी। शनिवार को राजकीय मध्य विद्यालय गंगवारा में “सुरक्षित शनिवार” कार्यक्रम के तहत खास जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। इसमें बच्चों को नाव दुर्घटना और पानी में डूबने से बचाव के उपाय बताए गए। सत्र का संचालन शिक्षिका अंजू कुमारी ने किया, जबकि विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी भी मौजूद रहीं।
शिक्षिका बोलीं – घबराइए नहीं, समझदारी दिखाइए
सत्र की शुरुआत में अंजू कुमारी ने बच्चों से सवाल किया –
“बच्चों! अगर अचानक कोई पानी में गिर जाए तो सबसे पहले क्या करना चाहिए?”
कक्षा में चुप्पी छा गई। फिर एक छात्र बोला – “मदद के लिए जोर से चिल्लाना चाहिए।”
शिक्षिका मुस्कुराईं और बोलीं – “बिलकुल सही। घबराना नहीं है, बल्कि तुरंत आसपास के लोगों को आवाज लगानी है।”
उन्होंने समझाया कि नाव पर चढ़ते समय धक्का-मुक्की से बचना चाहिए और कभी भी क्षमता से ज्यादा लोगों को नाव में नहीं बैठाना चाहिए। साथ ही, जीवन रक्षक जैकेट पहनना बेहद जरूरी है।
बच्चों ने पूछे सवाल
एक छात्रा ने सवाल किया – “मैडम, अगर पास में कोई बड़ा न हो तो क्या करें?”
इस पर शिक्षिका ने कहा – “ऐसी स्थिति में किसी लंबे डंडे, रस्सी या कपड़े की मदद से डूबते व्यक्ति तक पहुँचने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन अगर आपको तैरना नहीं आता तो खुद पानी में कूदना खतरे में डाल सकता है।”
प्रधानाध्यापिका ने दिया संदेश
कार्यक्रम में प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा – बरसात के दिनों में नदी, तालाब और पोखर खतरनाक हो जाते हैं। बच्चों को चाहिए कि वे बिना बड़े लोगों के साथ गए, गहरे पानी के पास न जाएं। याद रखिए, जीवन सबसे कीमती है और सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।”
बच्चों ने लिया संकल्प
सत्र के अंत में बच्चों ने मिलकर संकल्प लिया कि वे नाव या पानी से जुड़े किसी भी काम में बताए गए नियमों का पालन करेंगे। बच्चों ने यह भी कहा कि वे अपने घर और मोहल्ले के अन्य बच्चों को भी सुरक्षित रहने के उपाय बताएंगे।
कार्यक्रम का महत्व
“सुरक्षित शनिवार” के इस कार्यक्रम ने बच्चों को न सिर्फ नई जानकारी दी बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाया। संवाद और सवाल-जवाब के जरिये बच्चों ने सुरक्षा के नियमों को आसानी से समझा और याद भी कर लिया

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