नई दिल्ली। एनसीयूआई ऑडिटोरियम एंड कन्वेंशन सेंटर, अगस्त क्रांति मार्ग में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘स्पेस मिशन–2025’ में इस वर्ष विज्ञान, शिक्षा और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिला। भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 94वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित इस आयोजन में देश-विदेश से वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और आध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य सहयोगियों में विश्व आध्यात्मिक संगठन – विश्वाम फाउंडेशन (World Spiritual Organisation – Vishwam Foundation) की महत्वपूर्ण भूमिका रही। फाउंडेशन से जुड़े कई प्रतिष्ठित अतिथि इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री श्री श्री जगन गुरुजी, जो वर्तमान में Ambassador Extraordinary and Plenipotentiary एवं Inter-Governmental Advisor, United Nations – Climate Adaptation के पद पर कार्यरत हैं, ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म मिलकर ही एक संतुलित और सतत विकासशील विश्व का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने डॉ. कलाम को “विज्ञान और आध्यात्मिकता के सेतु” के रूप में वर्णित किया।
उनके साथ मीरन अब्दुल वहाब, High-Risk Tactical Strategist एवं Inter-Governmental Advisor, ने भी उपस्थित होकर युवाओं को विश्व शांति और वैज्ञानिक नवाचार के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में डॉ. पर्विंदर सिंह, जो Inter-Governmental Advisor एवं UN Ambassador (Thailand) हैं, ने भारत की युवा वैज्ञानिक प्रतिभाओं की सराहना की और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं डॉ. मोंरूडी सोममार्ट, Advisor to the Prime Minister of Thailand, ने भारत–थाईलैंड के बीच वैज्ञानिक और शैक्षणिक साझेदारी को और सशक्त करने का आह्वान किया।
नेपाल से आए गर्गाचार्य संहिता शास्त्री अर्जुन प्रसाद बस्तोला, जो World Peace Ambassador, World Religious Parliament (Established by Swami Vivekanand, Nepal) हैं, ने कहा कि डॉ. कलाम का जीवन इस बात का प्रमाण है कि आध्यात्मिकता और विज्ञान परस्पर विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हैं।
इसके अलावा डॉ. प्रदीप खनाल (World Spiritual Ambassador, WSO, Nepal), मिस्टर मुन्ना प्रसाद सेनुरिया (Chairman, Godawari Business Group – Asia, Europe & Dubai), तथा डॉ. सरवनन जनार्धनन (Group CEO, Cosmo Goram Group, India) ने भी अपने विचार साझा किए और भारत के नवाचारों की प्रशंसा की।
इस अवसर पर अमिताभ ए., जो चोल वंश के वंशज एवं Humanitarian Prince हैं, ने ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भारतीय सभ्यता और आधुनिक विज्ञान के गहरे संबंध पर प्रकाश डाला।
वहीं जगदीश खनाल, Executive Member, BJP – असम, ने कहा कि डॉ. कलाम की वैज्ञानिक दृष्टि भारत के युवाओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
सभी अतिथियों ने यह संदेश दिया कि “स्पेस मिशन–2025” केवल एक तकनीकी कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक चेतना का प्रतीकात्मक उत्सव है, जो विश्व शांति, ज्ञान और नवाचार के मार्ग को प्रकाशित करता है।
यह आयोजन इस बात का सशक्त प्रमाण है कि जब विज्ञान और अध्यात्म एक साथ चलते हैं, तब मानवता अपने सर्वोच्च शिखर को छू सकती है।