डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 94वीं जयंती पर नवाचार, विज्ञान और युवा नेतृत्व को समर्पित राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
संवाददाता – डुमरांव न्यूज़ एक्सप्रेस, नई दिल्ली।
नई दिल्ली। भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 94वीं जयंती के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘स्पेस मिशन–2025’ का समापन नई दिल्ली स्थित एनसीयूआई सभागार में हुआ। समापन समारोह का मुख्य संदेश रहा “भारत का भविष्य विज्ञान, नवाचार और युवा नेतृत्व के हाथों में सुरक्षित है।” यह आयोजन केवल एक संगोष्ठी नहीं, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प को गति देने वाला एक राष्ट्रीय अभियान बन गया, जिसमें देश के वैज्ञानिक, शिक्षाविद, नीति निर्माता और युवा एक मंच पर एकत्र हुए।
युवा शक्ति और नवाचार पर केंद्रित रहा आयोजन
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों ने इसे राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने रामेश्वरम स्थित डॉ. कलाम मेमोरियल से वीडियो संदेश में कहा “डॉ. कलाम का विज़न अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत 2047’ के रूप में साकार हो रहा है।” वहीं, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे ने युवाओं से ‘माई भारत पोर्टल’ से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा “आने वाला भारत युवाओं का है, और नवाचार ही उसकी नई पहचान बनेगा। सरकार युवाओं को नीति निर्माण में भागीदार बना रही है।” उनका यह संदेश नीति निर्धारकों और उद्यमियों के लिए प्रेरक रहा — युवा प्रतिभा में निवेश करना, देश की सबसे बड़ी पूंजी में निवेश करना है।
इसरो वैज्ञानिकों ने दी प्रेरणा, छात्र हुए उत्साहित
इस आयोजन की विशेष आकर्षण रहीं इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक निगार शाजी (आदित्य–एल1 मिशन) और डॉ. पी. वीरमुथुवेल (चंद्रयान–3), जिन्होंने अपने अनुभव साझा कर छात्रों को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।एक हजार से अधिक विद्यार्थियों ने अपने रॉकेट, सैटेलाइट, और STEM प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए — यह संकेत है कि देश की नई पीढ़ी अब इनोवेशन इकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
सीईओ विज़न : टेक्नोलॉजी और टैलेंट से बनेगा आत्मनिर्भर भारत
यह संगोष्ठी एक “टेक्नोलॉजी-बेस्ड नेशन बिल्डिंग लीडरशिप समिट” के रूप में उभरी, जिसमें इसरो, डीआरडीओ, शैक्षणिक संस्थान और निजी इनोवेटर्स की भागीदारी रही।
सभी वक्ताओं का मत रहा कि भारत अब अनुसंधान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है।
डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि : विचारों से प्रेरित, संकल्प से सशक्त
राष्ट्रपति भवन और रामेश्वरम स्थित नेशनल मेमोरियल में आयोजित श्रद्धांजलि समारोहों में पूरे देश ने डॉ. कलाम को नमन किया। उनके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति ने इस आयोजन को भावनात्मक और गरिमामय बना दिया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा “डॉ. कलाम का जीवन एक संदेश है, सपनों को वैज्ञानिक सोच और कड़ी मेहनत से साकार किया जा सकता है। ‘स्पेस मिशन–2025’ ने यह संकल्प दोहराया कि भारत का भविष्य ज्ञान, विज्ञान और युवा शक्ति के संगम से ही उज्ज्वल होगा।



