स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ : डॉ. शशांक शेखर

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर डुमरांव में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की बैठक आयोजित
डुमरांव (बक्सर)। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शनिवार को स्थानीय अतिथि भवन के सभागार में जिला श्रमजीवी पत्रकार यूनियन द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों पत्रकारों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता यूनियन के जिलाध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर ने की, जबकि संचालन रंजीत कुमार पांडेय ने किया।
पत्रकारिता के समक्ष आर्थिक व राजनीतिक चुनौतियां
डॉ. शशांक शेखर ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ होती है। लेकिन वर्तमान परिवेश में पत्रकारों को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों को आर्थिक असुरक्षा, राजनीतिक हस्तक्षेप और बुनियादी संसाधनों की कमी जैसी समस्याएं गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा करना समय की मांग है।
ग्रामीण पत्रकारों को नहीं मिलती मूलभूत सुविधाएं
वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कार्यरत पत्रकारों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। न तो उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही किसी प्रकार की सामाजिक या सरकारी सुरक्षा। उन्होंने सरकार से मांग की कि पत्रकारों के हित में ठोस नीतिगत पहल की जाए।
विचार साझा करते हुए वक्ताओं ने रखी चिंता
बैठक को संबोधित करते हुए पत्रकार जयमंगल पांडेय, अरुण विक्रांत, अरुण सिंह, अमरनाथ केशरी और आलोक सिन्हा ने भी पत्रकारिता की बदलती परिस्थितियों पर अपने विचार साझा किए। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी सुरक्षा और सम्मान को लेकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
उपस्थित रहे कई वरिष्ठ व नवोदित पत्रकार
बैठक में राजू कुमार, रजनीकांत दुबे, अशोक कुमार, त्रिलोकी पांडेय, अमित ओझा, मनोज मिश्रा, सर्वेश पांडेय, रोहित कुमार, सुजीत कुमार सहित डुमरांव अनुमंडल के अन्य पत्रकार भी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में यह मांग की कि पत्रकारों के लिए पेंशन, बीमा और मानदेय जैसी योजनाएं लागू की जाएं ताकि उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि पत्रकारों की समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन से प्रतिनिधिमंडल मिलकर अपनी मांगों को प्रस्तुत करेगा। इसके साथ ही पत्रकारों के हित में नियमित रूप से बैठकों व जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

