आंगनबाड़ी केंद्र पर 55वें दिन लटके रहे ताले, सेविका-सहायिकाओं को हड़ताल जारी
पांच सूत्री मांगों को लेकर 29 सितंबर से चल रहा है अनिश्चित कालीन हड़ताल
डुमरांव. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का पांच सूत्री मांग को लेकर 29 सितंबर से चल रहें अनिश्चित कालीन हड़ताल लगभग 55वें दिन जारी रहा. जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों पर हड़ताल से ताला लटके हुए है. केंद्र की सेविकाओं के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रत्येक सप्ताह आयोजित टीकाकरण भी अपने यहां करने नहीं दे रहीं है. जिससे उन्होने भटकना पड़ रहा है.
वैकिल्पक व्यवस्था कर टीकाकरण कार्य एएनएम कर रहीं है. आंगनबाड़ी केंद्र पर नामांकित बच्चों को दुध देना होता है, इसके लिए सीडीपीओ कार्यालय परिसर में दुध पड़ा हुआ है. हड़ताल जारी रहने से वितरण कार्य प्रभावित है. बता दें कि आंगनबाड़ी कर्मियों वापस लौट जाने के लिए समाज कल्याण विभाग के सचिव ने चयमुक्त करने का आदेश दिया था.
लेकिन इसका असर इस परियोजना पर नहीं पड़ा. सेविका-सहायिकाओं को अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी है. संघ की जिला महासचिव लीलावती देवी ने कहां कि मांग पूरा होने तक यह हड़ताल जारी रहेगा, सरकार चाहें जो कर लें. सरकार के चयनमुक्त करने के आदेश पर भी सेविकाओं का मनोबल नहीं टूटा है. हड़ताली सेविका-सहायिकाएं वगैर मांग लिए वापस काम पर नहीं लौटने वाली है.
वहीं बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन एटक राज्य उपाध्यक्ष सह जिला संयोजक, सिवान पुनम श्रीवास्तव ने कहां कि सरकार की धमकियों से सेविका-सहायिका डरने वाली नहीं है. सरकार हमलोगों की मांग को मानें, उसके बाद हड़ताल से वापस लौटे जाएंगे.
बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र पर पढने वाले बच्चें लगभग दो माह से घर पर रहने परिजनों को काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. ऐसे केंद्र पर बच्चों के जाने से घर के कार्य करने में राहत मिलती है. लेकिन हड़ताल से बच्चें भी अपने परिजनों से केंद्र कब खुलने का प्रश्न कर रहें है.