सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झलकी भारतीय परंपरा, निदेशक मनोज चौबे ने दी शुभकामनाएँ
डुमरांव। शनिवार की दोपहर फाउंडेशन स्कूल, डुमरांव का परिसर उत्सव और उल्लास से सराबोर दिखा, जब विद्यालय परिवार ने दीपावली एवं छठ महापर्व का भव्य आयोजन किया। यह अवसर न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि विद्यार्थियों की प्रतिभा, सृजनशीलता और अनुशासन का भी प्रतीक बन गया।
दीपावली और छठ की झलक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक विधि से दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। दीपावली और छठ पूजा पर आधारित गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। मंच पर सजीव हुई भारतीय संस्कृति की छटा ने ऐसा वातावरण बना दिया कि उपस्थित सभी दर्शक भावविभोर हो उठे।
छात्राओं द्वारा प्रस्तुत “उठे सुहागिन घाट पर” और “जय-जय भुवन भास्कर देव” जैसे गीतों पर नृत्य ने पूरे परिसर में भक्ति और श्रद्धा का भाव भर दिया। वहीं, दीपावली थीम पर आधारित नाट्य प्रस्तुति “अंधकार से प्रकाश की ओर” ने दर्शकों को सामाजिक संदेश के साथ-साथ आनंद भी प्रदान किया।
उल्लास और भक्ति से भरा विद्यालय परिसर
विद्यालय का हर कोना सजे दीपों, रंगोली और सजावट से आलोकित था। विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर पूरे परिसर को दीपावली और छठ के पारंपरिक रंगों में रंग दिया। वातावरण में खुशियों, भक्ति और सौहार्द की झंकार थी। बच्चों में उत्साह देखते ही बनता था। कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों और आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक विशेष बना दिया।
निदेशक मनोज चौबे ने दी प्रेरणादायक शुभकामनाएँ
कार्यक्रम में विद्यालय के निदेशक श्री मनोज चौबे बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा किए गए आयोजन की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा, “विद्यालय का उद्देश्य केवल शैक्षणिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसे अवसरों से बच्चों में आत्मविश्वास, रचनात्मकता और संवेदनशीलता का विकास होता है। साथ ही वे अपनी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं से जुड़ाव महसूस करते हैं।”
उन्होंने सभी को दीपावली और छठ महापर्व की शुभकामनाएँ देते हुए विद्यालय परिवार को अपनी हार्दिक बधाई दी।
संस्कार और संस्कृति के संग शिक्षा का संदेश
फाउंडेशन स्कूल, डुमरांव का यह आयोजन इस बात का सशक्त उदाहरण रहा कि शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन मूल्यों, परंपराओं और सामाजिक जिम्मेदारी का भी संवाहक है। बच्चों ने न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा को भी मंच पर जीवंत कर दिया।
इस प्रकार, दीपावली और छठ महापर्व का यह संयुक्त उत्सव फाउंडेशन स्कूल, डुमरांव के इतिहास में एक यादगार दिन के रूप में दर्ज हो गया — जहाँ शिक्षा, संस्कृति और उत्सव का अद्भुत संगम देखने को मिला।

