मध्य विद्यालय तरियानी, जाले में चार शिक्षिकाओं का विदाई समारोह, बच्चों की आंखें हुईं नम

दरभंगा से अंजू अन्नु की रिपोर्ट –
दरभंगा। सोमवार को मध्य विद्यालय तरियानी, जाले में भावुक माहौल के बीच विदाई समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय की चार शिक्षिकाएँ—रजनी, नीलम देवी, तुलसी कुमारी और रूपा कुमारी—का स्थानांतरण होने पर यह समारोह प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
इस मौके पर विद्यालय परिवार के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ, विद्यार्थी तथा स्थानीय लोग मौजूद थे।समारोह की शुरुआत विद्यालय प्रार्थना से की गई, जिसके बाद प्रधानाध्यापक ने स्थानांतरित हो रही शिक्षिकाओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि इनके परिश्रम और लगन से विद्यालय ने शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट पहचान बनाई।
उन्होंने कहा कि शिक्षिका का स्थानांतरण एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन बच्चों और सहकर्मियों के लिए यह पल भावनाओं से भरा होता है।बच्चों की फेवरेट रही शिक्षिका रजनी के सम्मान में माहौल और भी भावुक हो गया। रजनी कक्षा-कक्ष में अपनी सहजता, स्नेह और अनुशासनप्रिय स्वभाव के कारण बच्चों के बीच विशेष पहचान रखती थीं। उनके स्थानांतरण की खबर से ही बच्चे मायूस थे।
विदाई समारोह के दौरान कई बच्चों की आंखें नम हो गईं। बच्चों ने अपने प्रिय शिक्षिका को विदाई देते हुए हाथ से बनाए गए सुंदर ग्रीटिंग कार्ड और शुभकामनाओं से भरे संदेश भेंट किए।शिक्षिका रजनी का स्थानांतरण अब मध्य विद्यालय खरारी बालक, बहेड़ी (दरभंगा) में हुआ है। बच्चों ने उन्हें नए विद्यालय में भी सफलता की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि वे अपनी नई जिम्मेदारी में भी उतनी ही लगन और स्नेह के साथ बच्चों का भविष्य संवारेंगी।
विद्यार्थियों ने मंच से गीत, कविता और भाषण प्रस्तुत कर शिक्षिकाओं के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। छोटे बच्चों ने कहा कि वे शिक्षिका की डांट में भी मां जैसा स्नेह पाते थे, वहीं बड़े बच्चों ने उन्हें मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत बताया। रजनी सहित सभी शिक्षिकाओं ने बच्चों के स्नेह और सम्मान से अभिभूत होकर आभार प्रकट किया।
समारोह में नीलम देवी, तुलसी कुमारी और रूपा कुमारी ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि विद्यालय के शिक्षक और बच्चों के सहयोग से उनका कार्यकाल सुखद और यादगार रहा। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में ईमानदारी, मेहनत और अनुशासन का पालन करते हुए आगे बढ़ने का संदेश दिया।इस अवसर पर उपस्थित सभी शिक्षकों ने कहा कि विद्यालय परिवार के लिए यह दिन विदाई का जरूर है, लेकिन यह नई शुरुआत का भी प्रतीक है।
उन्होंने शिक्षिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि नए विद्यालय में भी वे अपनी शिक्षा, संस्कार और अनुशासन से बच्चों का जीवन संवारेंगी। अंत में प्रधानाध्यापक ने सभी शिक्षिकाओं को सम्मानित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि बच्चों की सच्ची शुभकामनाएँ और दुआएँ हमेशा उनके साथ रहेंगी।
विदाई समारोह का समापन विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत समूह गीत से हुआ। भावनाओं और यादों से भरे इस मौके पर हर किसी की आंखें छलक उठीं। यह समारोह इस बात का प्रमाण रहा कि शिक्षक और छात्रों का रिश्ता केवल कक्षा तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह स्नेह, विश्वास और आदर की गहरी डोर से बंधा होता है।




