पूर्णिया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को प्राथमिक विद्यालय पार्षद टोला मजगामा, कस्बा में रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का नेतृत्व विद्यालय की प्रधान शिक्षिका ज्योति कुमारी ने किया। अभियान में विद्यालय परिवार के साथ-साथ स्थानीय समुदाय के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई और स्वच्छता के महत्व का संदेश फैलाया।
रैली के दौरान विद्यालय के बच्चों ने हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर पूरे गांव में स्वच्छता का नारा बुलंद किया। “स्वच्छ रहो, स्वस्थ रहो”, “गंदगी को दूर भगाओ, बीमारियों से बच जाओ”, जैसे नारे पूरे वातावरण में गूंज उठे। बच्चों की ऊर्जा और उत्साह देखकर ग्रामीणों में भी जागरूकता का संचार हुआ।
प्रधान शिक्षिका ज्योति कुमारी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता सिर्फ विद्यालय या घर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है। यदि हर व्यक्ति अपने आस-पास साफ-सफाई रखे, तो बीमारियों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे प्लास्टिक का उपयोग कम करें और कचरा खुले में न फेंककर निर्धारित स्थान पर डालें।
इस रैली में विद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्राओं के अलावा ग्रामीणों ने भी कदम से कदम मिलाकर भाग लिया। स्थानीय महिलाओं और युवाओं ने न केवल नारे लगाए, बल्कि अपने घरों और गलियों को स्वच्छ रखने का संकल्प भी लिया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि स्वच्छ भारत अभियान अब महज एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि यह आमजन का आंदोलन बन चुका है।
स्वच्छ भारत अभियान का मूल उद्देश्य लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना और इसे व्यवहार में उतारना है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की गतिविधियां समाज को स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाती हैं। स्वच्छ वातावरण से न केवल बीमारियों का खतरा कम होता है, बल्कि बच्चों के लिए एक सुरक्षित और प्रेरणादायी माहौल भी बनता है।
विद्यालय प्रशासन ने बताया कि आने वाले दिनों में इस अभियान को और व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा। विद्यार्थियों को समूहों में बांटकर उन्हें “स्वच्छता प्रहरी” बनाया जाएगा, ताकि वे अपने आसपास सफाई बनाए रखने के लिए प्रेरित कर सकें। साथ ही, मासिक स्वच्छता रैली और गांव में सफाई अभियान की योजना भी बनाई गई है।
प्राथमिक विद्यालय पार्षद टोला मजगामा, कस्बा, पूर्णिया में आयोजित स्वच्छता रैली ने यह संदेश दिया कि जब बच्चे और समाज एक साथ आगे आते हैं, तो बड़े से बड़ा लक्ष्य भी आसानी से हासिल किया जा सकता है। इस तरह की पहल न केवल समाज को स्वस्थ और स्वच्छ बनाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी जिम्मेदारी का बोध कराएगी।


