डुमरांव. आसमान से आग बरस रही है. जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. पूर्वाह्न होते-होते सड़कों पर सन्नाटा सा पसर जा रहा है. भीषण गर्मी और लू के थपेड़े, कमरे के भीतर उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. क्या बच्चे, बूढ़े, नौजवान, अधेड़ सभी भीषण गर्मी से परेशान हैं. लोगों को कुछ रास नहीं आ रहा है. गर्म हवाओं के थपेड़ों से मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं.
सुबह होते ही सूर्य की किरणें आग उगलना शुरू कर दें रहीं है. शाम को भी मौसम ठंडा नहीं हो रहा है. तापमान अधिक रहने से हवा गर्म महसूस हो रही है. ऊपर से दोपहर की विद्युत कटौती सबसे भारी पड़ रहीं है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहर में जब आसमान से आग बरसने लग रही है तो घरों में हवा गर्म महसूस हो रही है. बिजली नहीं रहने पर तो जान ही निकल जा रहीं है.
प्यास से गला सूख जा रहा है. कूलर, एसी से भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रहीं है. इतनी गर्मी में पशु पक्षी भी बेहाल हो गए है. लोग मवेशी सहित अपने पालतू कुत्तों को गर्मी से बचाने के लिए परेशान है. पंखे गर्म हवा ही फेंकते हैं. ऐसे में लोग घरों में कैद होने के बाद भी उमस से बिलबिला रहे हैं.
भीषण गर्मी व लू के थपेड़ों से तालाब, पोखर सूखे पड़े हैं. नहरों में भी पानी नहीं आ रहा है. इससे मवेशियों व जानवरों के पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है. लोग मुंह कपड़ों से ढककर चल रहे है. फिर भी धूप की चपेट में आकर बीमार पड़ जा रहे है.
गर्मी का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों व बुजुर्गों पर पड़ रहा है. चिकित्सकों ने लोगों को अधिक से अधिक पानी पीने, हल्का व सूती कपड़े पहनने एवं धूप में बाहर जाने से बचने की सलाह दी है. साथ ही फल एवं सलाद का सेवन करने को कहा है, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
स्वस्थ और संतुलित आहार का करें सेवन
]गर्मी के दिनों में बुजुर्गों और बच्चों की ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. इससे बचने के लिए आप रोजाना कम से कम 7 से 8 गिलास पानी जरूर पिए. कई बार लोग दिन भर में इतना पानी नहीं पी पाते हैं. लेकिन शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी पीना जरूरी होता है.
इसके अलावा बुजुर्गों को ऐसे फलों का सेवन करना चाहिए, जिसमें पानी की मात्रा अधिक होती है. आप खरबूज, तरबूज और अंगूर जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा बुजुर्गों को अपनी डाइट में हरी सब्जियां, स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए.
धूप और लू से बचने के उपाय
बुजुर्गों को धूप में निकलने से बचना चाहिए, अगर वे किसी काम से बाहर जाते हैं, तो उन्हें अपनी त्वचा का भी ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि गर्म हवा और तेज धूप की वजह से उन्हें लू लग सकती है. जिससे वह बीमार पड़ सकते हैं और उन्हें आंखों से संबंधित समस्याएं भी हो सकती है.
तेज धूप होने की वजह से आंखें जलन करने लगती है और आंखों में खुजली होने लगती है. इसके लिए बुजुर्गों को धूप में निकलने से पहले आंखों पर चश्मा लगाना चाहिए, धूप और लू से बचने के लिए उन्हें सर और चेहरे को किसी कपड़े से अच्छी तरह ढक कर रखना चाहिए. टोपी या गमछे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
सूती के कपड़े पहने
इस मौसम में बुजुर्ग हल्के रंग के कपड़े पहने और कोशिश करें कपड़े काटन के हो, इससे पसीना कम आएगा और गर्मी भी कम लगेगी. गर्मी के दिनों में बुजुर्गों के लिए खादी, सूती के कपड़े पहनना काफी आरामदायक साबित हो सकते हैं.
अगर बुजुर्ग को पहले से कोई बीमारी है तो समय-समय पर डाक्टर की सलाह लें और दवाइयां का सेवन करें. कई बार तेज धूप होने की वजह से कुछ बुजुर्गों को चक्कर या घबराहट हो सकती है. ऐसे में वह आसपास मौजूद किसी भी व्यक्ति की मदद मांगने में संकोच न करें. किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डाक्टर की सलाह जरूर लें.