कालाजार उन्मूलन को लेकर सदर प्रखंड के तीन गांवों में होगा दवाओं का छिड़काव
आईआरएस के लिए पड़री, साहोपारा और बड़का नुआंव गांव का किया गया है चयन
छिड़काव दल को दिया गया प्रशिक्षण, दवाओं की खेप मिलते ही शुरू होगा आईआरएस
बक्सर, 03 मार्च | जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर दवाओं के छिड़काव की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस क्रम में बीते दिन सदर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सभागार में छिड़काव दल को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें उन्हें छिड़काव से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण की अध्यक्षता करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विगत तीन वर्षों में मिले कालाजार के मामलों को देखते हुए जिले के सदर प्रखंड स्थित तीन गांवों में ही इंडोर अंदरूनी अवशिष्ट छिड़काव (आईआरएस) के लिए पड़री, साहोपारा और बड़का नुआंव गांव का चयन गया है।
इन कालाजार प्रभावित गांवों में सिंथेटिक पैराथायराइड (एसपी) पाउडर का छिड़काव किया जायेगा। अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सारी तैयारियां पूरी कर रखी हैं। वहीं, गांवों में छिड़काव के दौरान किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए, इसके लिए निगरानी टीम का गठन किया जायेगा। जो घरों में हो रहे छिड़काव की निगरानी के साथ पूर्व के मरीजों का फॉलोअप भी करेंगे।
आईआरएस के पूर्व किया गया सर्वे
सदर प्रखंड के सामुदायिक उत्प्रेरक प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि जिन गांवों में 2021 से 23 तक कालाजार के मरीज मिले हैं, वहां सर्वे किया गया। जिसके तहत अब उन गांवों में कालाजार उन्मूलन को लेकर दवाओं का भी छिड़काव कराया जाएगा। ताकि, लोगों को कालाजार की चपेट में आने से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि 2023 में सदर प्रखंड के पड़री में पीकेडीएल का एक मरीज और साहोपारा में कालाजर के एक मरीज की पुष्टि हुई थी। 2022 में पड़री में एक कालाजार के मरीज की पुष्टि हुई। आईआरएस के लिए संबंधित गांव के आशा फैसिलिटेटर से माइक्रोप्लान ले लिया गया है। प्रखंडों के साथ-साथ जिलास्तर पर भी एक माइक्रोप्लान तैयार किया गया। जिसके एक्शन प्लान के अनुसार तय मियाद में छिड़काव का कार्य पूरा किया जाएगा।
कालाजार से बचाव के लिए दी जा रही जानकारी
पीरामल इंडिया के वीएल बीसी अतुल कुमार सिंह ने बताया, छिड़काव के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जायेगा। जिसको लेकर छिड़काव टीम को भी आवश्यक और जरूरी सुझाव दिए गए। इसके अलावा छिड़काव अभियान के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को कालाजार से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है।
प्रभावित गांवों में आईआरएस की शुरुआत के बाद ग्रामीणों को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। ताकि, भविष्य में किसी में यह लक्षण दिखे, तो वे आशा कार्यकर्ता या पीएचसी के कर्मियों को इसकी सूचना दें। साथ ही, छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, इसकी भी जानकारी दी गई।
छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद व दरार बंद करा दें
- सभी कमरों, रसोई व गोहाल के अंदरूनी दीवारों पर छह फीट तक छिड़काव अवश्य करें
- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रखवा दें
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई न करने की अपील करें, ताकि कीटनाशक (एसपी) का असर बना रहे