राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षा रत्न 2024-25 से सम्मानित हुईं बिहार की शिक्षिका संगीता कुमारी

— बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु नवाचारी प्रयासों की हुई राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
मधुबनी (बिहार)। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और समर्पण का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बिहार राज्य की संगीता कुमारी को राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षा रत्न सम्मान 2024-25 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें देशभर के शिक्षकों में श्रेष्ठ नवाचारी कार्यों के लिए प्रदान किया गया।
संगीता कुमारी उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय, मलमल (प्रखंड – कलुआही, जिला – मधुबनी) में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। वे विगत वर्षों से विद्यालय में बच्चों की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए विविध नवाचारी प्रयोग और पद्धतियाँ अपना रही हैं, जिनसे विद्यार्थियों की सृजनात्मकता, जिज्ञासा और सहभागिता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
छत्तीसगढ़ में हुआ सम्मान का आयोजन
इस सम्मान का आयोजन देश के सबसे बड़े स्व-प्रेरित नवाचारी शिक्षक समूह “नवाचारी गतिविधियाँ समूह भारत” के छत्तीसगढ़ चैप्टर द्वारा किया गया। यह समूह देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नवाचारी शिक्षकों को एक मंच पर लाता है।
संगीता कुमारी समेत बिहार से तीन शिक्षकों का चयन इस राष्ट्रीय मंच पर हुआ। उन्हें प्रमाणपत्र, मोमेंटो एवं पेन आदि सम्मान सामग्री स्पीड पोस्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ से प्रेषित की गई, जो हाल ही में प्राप्त हुई है।
कई चरणों की प्रक्रिया से हुआ चयन
इस सम्मान हेतु चयन प्रक्रिया अत्यंत पारदर्शी और बहुपर्यायी थी।
सर्वप्रथम, समूह की आधिकारिक वेबसाइट पर निशुल्क ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए।
देशभर से कुल 700 से अधिक नॉमिनेशन प्राप्त हुए।
आवेदकों से शिक्षण एवं बाल विकास से संबंधित गहन प्रश्नों वाले 7-8 पृष्ठों के फॉर्म भरवाए गए।
राज्यवार स्क्रूटनी कर साक्षात्कार समिति ने साक्षात्कार लिए।
बिहार राज्य से शिक्षकों का साक्षात्कार अमित कुमार उईके, सैयद हुमाऊं अख्तर एवं अन्य सदस्यों ने लिया। चयन के अंतिम चरण में दस्तावेज सत्यापन एवं मूल्यांकन कर 110 शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किया गया।
सम्मान के पीछे नवाचार की भावना
संगीता कुमारी विद्यालय में टेक्नोलॉजी, खेल, समूह शिक्षण, कहानी-वाचन, एक्टिव लर्निंग आदि के प्रयोग से शिक्षण को रुचिकर और प्रभावी बनाती हैं। वे बच्चों में रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं।
समाज में खुशी की लहर
इस उपलब्धि पर विद्यालय परिवार, स्थानीय समाज और शिक्षा विभाग में हर्ष की लहर है। शिक्षा क्षेत्र में बिहार की साख को राष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने वाली संगीता कुमारी को अनेक शिक्षक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने शुभकामनाएं दी हैं।
यह सम्मान उन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने प्रयासों से बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं।