राष्ट्रीय साहित्य रत्न सम्मान से मीरा सिंह ’मीरा’ सम्मानित

डुमरांव. हजार बर्क गिरे लाख आंधियां उठे वह फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं, कवियत्री मीरा सिंह ’मीरा’ के ऊपर सटीक बैठता है. अपने शैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए साहित्य साधना में भी सतत लीन रहीं हैं. सतत संघर्षशील और प्रयासरत रहने का पर्याय है मीरा.
जिले के लिए गर्व की बात है कि हिंदी साहित्य, शिक्षा, कला एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बहुआयामी विशिष्ट योगदान देने के लिए इन्हें संस्कृति साहित्य मंच इंदौर (मध्यप्रदेश) द्वारा राष्ट्रीय साहित्य रत्न सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया है.
विदित हो कि मीरा सिंह ’मीरा’ पहले महारानी उषारानी बालिका मध्य विद्यालय डुमरांव तुदोपरांत एसटीईटी देकर प्लस टू महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमरांव और अब बीपीएससी परीक्षा में सफल होकर हाई स्कूल अर्जुनपुर, सिमरी में सेवा दंे रही हैं.
सम्मान समारोह भोपाल में आयोजित था, परन्तु उसमें शामिल नहीं हो सकी. प्रमाणपत्र, स्मृति चिन्ह, सफेद मोतियों का माला, दो पुस्तकें एवं अंग वस्त्र रजिस्टर्ड डाक से प्राप्त की. अभी तक निज व्यय से चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं.
फिलहाल में राजस्थान के चर्चित साहित्यकार दीनदयाल शर्मा द्वारा अनुदित ’राजस्थानी बाल बत्तीसी’ जिसमें देश के बत्तीस चुनिंदा बाल साहित्यकारों की पांच-पांच बाल कविताएं हैं, इनकी भी पांच बाल कविताएं शामिल हैं.