डायट फजलगंज, रोहतास में शिक्षकों व तकनीकी टीमों की सक्रिय भागीदारी, शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
रोहतास। जिले में शिक्षा की गुणवत्ता, कक्षा-कक्ष के वातावरण तथा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में नवाचार को मजबूत करने के उद्देश्य से डायट फजलगंज, रोहतास में प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (पीबीएल) का उन्मुखीकरण सह कार्यशाला आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम जिला एवं प्रखंड स्तर पर कार्यरत शिक्षा विभाग के अधिकारियों, जिला तकनीकी टीम तथा प्रखंड तकनीकी टीम के सदस्यों की संयुक्त भागीदारी से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग : वास्तविक जीवन से जोड़ने वाली शिक्षण विधि
कार्यक्रम के मुख्य संबोधन में तिलौथू के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग एक ऐसी नवीन शिक्षण विधि है जो बच्चों को केवल पाठ्यपुस्तक तक सीमित न रखकर वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से जोड़ती है। यह पद्धति छात्रों में समस्या समाधान क्षमता, रचनात्मकता, टीम वर्क और निर्णय लेने की योग्यता को विकसित करती है। उन्होंने बताया कि शिक्षा के बदलते परिदृश्य में पीबीएल बच्चों को सीखने का स्वाभाविक, रोचक और प्रभावशाली अवसर प्रदान करता है।
जिला तकनीकी टीम द्वारा चरणबद्ध मार्गदर्शन
जिला तकनीकी सदस्य गज़ाला फ़ातमा ने कार्यशाला में प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग की पूरी प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने प्रोजेक्ट निर्माण, विषय चयन, लक्ष्य निर्धारण, चरणबद्ध क्रियान्वयन, मूल्यांकन पद्धति और विद्यालय स्तर पर इसके सफल संचालन पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि पीबीएल तभी प्रभावी होगा जब हर बच्चे को इसमें भाग लेने का अवसर मिले और शिक्षक इसे कक्षा में एक सतत प्रक्रिया के रूप में अपनाएँ।
कक्षा-कक्ष में पीबीएल के प्रभाव पर चर्चा
कार्यशाला में जिला शिक्षा समन्वयक कृष्णा कुमार और प्रभात राजेश ने कक्षा-कक्ष में पीबीएल के उपयोग, बच्चों की सीखने की गति में होने वाले सुधार तथा सीखने के परिणामों पर विस्तार से चर्चा की। दोनों समन्वयकों ने उदाहरणों के माध्यम से बताया कि किस प्रकार छात्र वास्तविक समस्या पर आधारित प्रोजेक्ट तैयार कर अपनी अवधारणाओं को और स्पष्ट करते हैं तथा सीखने में रुचि बढ़ाते हैं।
उपस्थित प्रतिभागियों ने साझा किए अनुभव
कार्यशाला में मौजूद शिक्षकों व तकनीकी टीमों ने भी अपने विद्यालयों में किए जा रहे नवाचारी प्रयासों और अनुभवों को साझा किया। प्रतिभागियों ने माना कि पीबीएल पद्धति से बच्चे अधिक सक्रिय, आत्मविश्वासी और स्व-प्रेरित होकर सीखते हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को ऐसी तकनीक से सशक्त करना था जिससे वे कक्षाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित कर सकें।
सफल और सार्थक आयोजन
डायट फजलगंज में आयोजित यह कार्यशाला जिले में सीखने के परिणामों में सुधार और शिक्षण पद्धति के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। कार्यक्रम के अंत में सभी अधिकारियों और प्रतिभागियों ने पीबीएल को विद्यालय स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने का संकल्प लिया।