शिक्षक दिवस पर पूर्णिया की ज्योति कुमारी को मिला राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2025

पूर्णिया/पटना। शिक्षक दिवस 2025 शिक्षा जगत के लिए एक यादगार अवसर बना, जब राजधानी पटना स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में तीन शिक्षकों को राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। इस सम्मान को पाने वालों में प्राथमिक विद्यालय पार्षद टोला, मजगामा कस्बा (पूर्णिया) की शिक्षिका ज्योति कुमारी भी शामिल रहीं। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और समाज में शिक्षा की अलख जगाने के लिए यह सम्मान दिया गया।
ज्योति कुमारी का मानना है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होना चाहिए। इसी सोच को आधार बनाकर वे अपने विद्यालय में विद्यार्थियों के बीच सहयोग, अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित करने पर लगातार काम कर रही हैं।
वे बच्चों को केवल शैक्षिक ज्ञान ही नहीं देतीं, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के महत्व से भी अवगत कराती हैं। उनकी पहल से विद्यालय का वातावरण सकारात्मक और प्रेरणादायी बन गया है।
ज्योति कुमारी की सबसे उल्लेखनीय पहल छात्राओं के बीच मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं पर जागरूकता फैलाना है। वे नियमित रूप से बच्चियों को इससे संबंधित स्वास्थ्य, स्वच्छता और समाधान के बारे में जानकारी देती हैं। यह प्रयास छात्राओं के आत्मविश्वास बढ़ाने और उनके स्वास्थ्य सुधार में मील का पत्थर साबित हो रहा है। ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में अक्सर यह विषय वर्जित माना जाता है, लेकिन ज्योति कुमारी ने इस मौन मुद्दे को तोड़कर लड़कियों के लिए एक सुरक्षित और खुला संवाद का वातावरण तैयार किया है।
राजकीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को समारोह में प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और सम्मान राशि प्रदान की गई। सम्मान प्राप्त करने के बाद भावुक ज्योति कुमारी ने कहा – “यह पुरस्कार मेरे लिए प्रेरणा है। मेरा लक्ष्य बच्चों को न केवल पढ़ाना है, बल्कि उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाना है।”
शिक्षक दिवस पर आयोजित यह समारोह न केवल शिक्षकों की उपलब्धियों का सम्मान था, बल्कि यह पूरे समाज को एक संदेश भी देता है कि शिक्षा ही वास्तविक बदलाव की कुंजी है।
ज्योति कुमारी का यह सम्मान न केवल उनके विद्यालय और पूर्णिया जिले के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उनका कार्य इस बात को सिद्ध करता है कि एक शिक्षक की सोच और प्रयास विद्यार्थियों के भविष्य को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।
इस प्रकार, शिक्षक दिवस 2025 पर ज्योति कुमारी का सम्मान यह दर्शाता है कि नवाचार और समर्पण से जुड़ा शिक्षण ही समाज के सतत विकास और बदलाव का आधार है।