प्रतिमा कुमारी सिंह को TFM राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए मिला सम्मान

पटना/सारण। बनियापुर प्रखंड के मध्य विद्यालय छपिया की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा कुमारी सिंह को राजधानी पटना में आयोजित TFM राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह 2025 में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान, नवाचार और बच्चों के समग्र विकास हेतु किए गए प्रयासों के लिए दिया गया।
पटना स्थित विधानपरिषद उप भवन सभागार में आयोजित इस भव्य समारोह में प्रतिमा कुमारी सिंह को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह महान गणितज्ञ डॉ. के. सी. सिन्हा, गुरु रहमान, एससीईआरटी की निदेशक डॉ. आभा रानी, तथा पटना लॉ कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वाणी भूषण के करकमलों द्वारा भेंट किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी और पूर्व मंत्री श्याम रजक की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का आयोजन “द टीचर्स फ्यूचर मेकर, बिहार मोबाइल: माई एजुकेशन बॉक्स” संस्था द्वारा किया गया था। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसे मंत्री कृष्ण कुमार मंटू, डॉ. के. सी. सिन्हा, डॉ. गुरु रहमान और डॉ. वाणी भूषण ने संयुक्त रूप से संपन्न किया।
आरंभिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में डॉ. भवानी शारदे और डॉ. निशा पराशर के स्वागत गान तथा दीपिका पांडेय के प्रेरणादायक गीत ने माहौल को ऊर्जा से भर दिया। मंच का संचालन वंदना कुमारी ने बेहद आत्मीय और प्रभावशाली ढंग से किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. के. सी. सिन्हा ने अपने संबोधन में शिक्षा की गुणवत्ता और समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। समारोह के संयोजक डॉ. एस. के. पांडेय ने कहा कि शिक्षा को किताबों तक सीमित न रखकर व्यवहारिक जीवन में उतारना ही आज की आवश्यकता है।
इस अवसर पर शिक्षिका अनिता देवी ने राज्य स्तरीय टीएलएम मेले में अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति “मैं हूं टीएलएम” से सबका ध्यान आकर्षित किया। वह विद्यालय में बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन “द टीचर्स फ्यूचर मेकर” संस्था के संस्थापक रंजू कुमारी, प्रतिमा कुमारी सिंह, मुकेश कुमार सिंह, अंजली, सुरेश कुमार द्वारा किया गया। यह सम्मान समारोह न केवल शिक्षकों के कार्यों की सराहना का प्रतीक था, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने वालों के लिए प्रेरणास्रोत भी बना।
