डुमरांव। इस वर्ष डुमरांव नगर में दुर्गा पूजा उत्सव का मुख्य आकर्षण बन गया है जागृति दुर्गा पूजा समिति, पश्चिमी तिवारी टोला का पंडाल। समिति ने इस बार पंडाल को उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के तर्ज़ पर तैयार कराया है। पंडाल का भव्य स्वरूप श्रद्धालुओं और दर्शकों को आध्यात्मिक आस्था और कलात्मकता का अद्भुत संगम दिखा रहा है।
गृहिणी से देवी तक का भावनात्मक रूपांतरण
पंडाल के भीतर देवी के विविध रूपों को दर्शाने के लिए विशेष झांकी सजाई गई है। इसमें यह संदेश दिया गया है कि माता केवल एक गृहिणी नहीं, बल्कि संकट काल में महिषासुर मर्दिनी दुर्गा और राक्षस वधिनी मां काली का रूप धारण कर संसार की रक्षा करती हैं। श्रद्धालुओं को यह दृश्य आध्यात्मिक ऊर्जा और मातृशक्ति के महत्व का एहसास कराता है।
पंडाल के डिजाइन और कलाकारी को देखते हुए यह स्पष्ट है कि समिति ने इसे तैयार करने में काफी परिश्रम और समर्पण दिखाया है। साथ ही मूर्ति निर्माण का दायित्व प्रसिद्ध शिल्पकार बड़क मूर्तिकार को सौंपा गया है, जिन्होंने माता दुर्गा और उनके रूपों की प्रतिमाएं अत्यंत सजीव और आकर्षक बनाकर दर्शकों का मन मोह लिया है।
समिति की टीम और व्यवस्थापक
पूरे आयोजन को सफल बनाने के लिए समिति की टीम लगातार सक्रिय है। व्यवस्थापक समाजसेवी रामनाथ तिवारी, मुख्य संयोजक रोहित तिवारी, अध्यक्ष आदर्श तिवारी, सचिव शशिकांत तिवारी, कोषाध्यक्ष दुर्गेश पांडेय है।
इसके अलावा समिति के सदस्य लालू तिवारी, मयंक तिवारी, आदित्य तिवारी, सूरज चौबे, शैतान चौबे, ऋषिकेश तिवारी, अमित तिवारी, पीयूष पांडे, अमन तिवारी और आयुष तिवारी भी आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सभी ने मिलकर सामूहिक प्रयास से इस वर्ष के आयोजन को विशेष और भव्य बनाने का संकल्प लिया है।
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन के बाद से ही यहां श्रद्धालुओं और दर्शकों की भीड़ लगातार उमड़ रही है। केदारनाथ धाम जैसी सजावट और माता के विभिन्न रूपों की भव्य झांकी हर आगंतुक को आकर्षित कर रही है। पूजा-अर्चना के साथ-साथ भक्त यहां फोटो खींचकर इस यादगार क्षण को संजो रहे हैं।
सांस्कृतिक और धार्मिक माहौल
पूरे क्षेत्र में दुर्गा पूजा की धूम है। समिति द्वारा आयोजित यह पंडाल न केवल आस्था का केंद्र बना है बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का संदेश भी दे रहा है। मां दुर्गा की आराधना और पंडाल में किए गए कलात्मक कार्य लोगों को अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
पश्चिमी तिवारी टोला का यह पंडाल इस वर्ष डुमरांव नगर की शान बन गया है। केदारनाथ धाम की झलक, माता के रूपों की अनूठी प्रस्तुति और समिति के सामूहिक प्रयास ने इसे ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बना दिया है।
