बक्सर। भारतीय सभ्यता के लिए गंगा नदी केवल एक जल स्रोत नहीं, बल्कि एक जीवन रेखा है। हजारों वर्षों से यह नदी भौतिक और आध्यात्मिक संपोषण का आधार रही है। गंगा की गोद में जलवायु, उपयोगी भूमि, कृषि पद्धतियां, जैविक तंत्र और मानव सभ्यता का समन्वय निवास करता है।
यह नदी करोड़ों लोगों के लिए आस्था, संस्कृति और आजीविका का प्रतीक है। लेकिन आधुनिक समय में गंगा की स्वच्छता पर बढ़ते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Clean Ganga Mission) शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखना है।
इसी क्रम में आज दिनांक 20 सितम्बर 2025 को बक्सर के एम.पी. हाई स्कूल और केंद्रीय विद्यालय के प्रांगण में जिला गंगा समिति द्वारा “स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के तहत स्कूल के बच्चों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय ने गंगा स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। यह आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने निबंध लेखन और चित्रकला प्रतियोगिताओं के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया।
इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों, छात्रों ने गंगा नदी को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त रखने का संकल्प लिया। शपथ के माध्यम से सभी ने यह प्रतिज्ञा की कि वे न केवल गंगा को प्रदूषित होने से बचाएंगे, बल्कि अपने आसपास के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में योगदान देंगे। यह शपथ न केवल एक औपचारिकता थी, बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक थी, जो प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती है।
