शिक्षा में बदलाव सेमिनार सह महर्षि विश्वामित्र गुरु सम्मान समारोह संपन्न

सीतामढ़ी जिले के दो शिक्षक हुए सम्मानित
सीतामढ़ी। नगर में विकास फैमिली क्लब परिवार के बैनर तले आयोजित सेमिनार “शिक्षा में बदलाव” सह महर्षि विश्वामित्र गुरु सम्मान समारोह में जिले के दो शिक्षकों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षकों एवं शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
जिले के दो शिक्षक बने सम्मानित
इस अवसर पर राजकीय मध्य विद्यालय गंगवारा, रून्नीसैदपुर की शिक्षिका अंजू कुमारी तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय थुम्मा, रूनीसैदपुर के शिक्षक सुजीत कुमार झा को विशेष रूप से महर्षि विश्वामित्र गुरु सम्मान से नवाजा गया। दोनों शिक्षकों के शैक्षणिक योगदान और विद्यार्थियों के समग्र विकास में सक्रिय भूमिका को देखते हुए उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान पाकर दोनों शिक्षकों ने खुशी व्यक्त करते हुए शिक्षा क्षेत्र में और अधिक समर्पण के साथ कार्य करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का हुआ भव्य उद्घाटन
कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस मौके पर सांसद डॉ. सुधाकर सिंह, विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह, डायट व्याख्याता नवनीत सिंह, डीके कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजू मोची, सुमित्रा महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शोभा सिंह, अंजलि चिंचोलिकर और भाग्यश्री राजेंद्र वर्तक मुख्य रूप से मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने शिक्षा में हो रहे बदलावों की जरूरत और उसकी महत्ता पर अपने विचार रखे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने बांधा समां
समारोह के दौरान राजकीय मध्य विद्यालय गंगवारा की बच्चियों ने मिथिलांचल की लोकसंस्कृति को जीवंत कर दिया। बच्चियों ने झिझिया और जट-जटिन नृत्य की ऐसी प्रस्तुति दी कि पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके अलावा छात्राओं ने देशभक्ति गीत पर भी अपनी प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित लोगों के दिलों को छू लिया।
विद्यालय परिवार में खुशी की लहर
सम्मान समारोह के बाद जब सम्मानित शिक्षिका अंजू कुमारी अपने विद्यालय पहुंचीं तो वहां का माहौल उत्साह और खुशी से भर गया। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों ने उनका भव्य स्वागत किया। बच्चों ने अपने प्रिय शिक्षकों को सम्मान मिलने पर गर्व जताया और बधाई दी।
शिक्षा सुधार की दिशा में सराहनीय कदम
इस पूरे आयोजन ने स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और संस्कृति से भी गहराई से जुड़ी है। ऐसे आयोजनों से जहां शिक्षकों का मनोबल बढ़ता है, वहीं छात्रों में भी प्रेरणा का संचार होता है।
कुल मिलाकर, “शिक्षा में बदलाव” सह महर्षि विश्वामित्र गुरु सम्मान समारोह न सिर्फ सम्मान का अवसर बना, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में नए विचारों और प्रेरणादायी कार्यों को आगे बढ़ाने का मंच भी साबित हुआ।