आशा कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराया जा चुकी है आईएफए की गोलियां व बोतल
चुनाव बाद अपने अपने क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों को चिह्नित करेंगी आशा कार्यकर्ताएं
बक्सर, 03 जून | एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम का सपना तभी संभव हो सकेगा, जब जिले को एनीमिया को मुक्त किया जा सके। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर कवायद शुरू कर दी गई है। जिसके तहत जिले की सभी आशा कार्यकर्ताओं को अपने अपने क्षेत्रों में कुपोषित व एनीमिया के लक्षण वाले बच्चों को चिह्नित करना है।
साथ ही, उम्र और वर्ग के अनुसार सभी बच्चों के बीच आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां व सिरप का वितरण करने का निर्देश दिया गया है। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते ही इस अभियान को गति दी जाएगी। ताकि, छह माह से लेकर 19 साल तक के बच्चों और किशोरियों को एनीमिया की चपेट में आने से बचाया जा सके।
सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि एनीमिया खून की कमी से होने वाली बीमारी है। जो किसी भी उम्र में व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है। लेकिन, इसकी चपेट में बच्चे, किशोरियां व गर्भवती महिलाएं ही सबसे ज्यादा आते हैं।
ऐसे में उनको एनीमिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस विभाग तत्पर है। जिसके तहत इस वित्तीय वर्ष में भी एनीमिया से बचाव के लिए जिले के पात्र लाभुकों के बीच आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) की गोलियां व सिरप का वितरण किया जाता है।
पांच से नौ वर्ष तक के बच्चों खिलाई गई आईएफए की गुलाबी गोलियां
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2023-24 में बक्सर जिले में छह से 59 माह के बच्चों के बीच आयरन सिरप, पांच से नौ वर्ष तक के बच्चों के बीच आईएफए की गुलाबी गोलियां और 10 से 19 वर्ष तक के बच्चों के बीच आईएफए की नीली गोलियों का वितरण किया गया है।
इसके लिए 2011 के जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या का 11.3 प्रतिशत लक्ष्य निर्धारित कर छह से 59 माह के 120854 बच्चों के बीच सिरप का वितरण किया गया। वहीं, जनसंख्या के 14.4 प्रतिशत लक्ष्य के अनुसार 311630 बच्चों का लक्ष्य रखा गया, जिसमें 49300 बच्चों को आईएफए की गुलाबी गोलियां खिलाई गई।
इसके अलावा 10 से 19 वर्ष तक के बच्चों के लिए 478405 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिनमें स्कूलों के माध्यम से 128246 व आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से 164538 बच्चों को आईएफए की नीली गोलियां खिलाई गई।
बुधवार व गुरुवार को स्कूली बच्चों को खिलाई जाएगी गुलाबी गोलियां
सदर प्रखंड के प्रभारी स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि आईएफए की गोलियों और सिरप के वितरण को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया जा चुका है। जिसमें उन्हें बताया गया है कि 6 से 59 माह के बच्चों को ऑटो डिस्पेंसर के द्वारा आईएफए सिरप के अनुपूरण भी कराना है।
इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सप्ताह में दो बार बुधवार व शनिवार को लाभुक माताओं को छह माह के लिए एक बोतल बांटेंगी। साथ ही, ये भी सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक बुधवार व गुरुवार को विद्यालय के माध्यम से गुलाबी गोली का अनुपूरण कराया जाये।
वहीं, गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता सप्ताह में एक बार (बुधवार) को 5 से 9 वर्ष के विद्यालय ना जाने वाले बच्चों को गुलाबी गोली का अनुपूरण करवाना सुनिश्चित करेंगी। साथ ही, 10 से 19 साल तक के किशोर-किशोरियों को हर हफ्ते आईएफए की एक नीली गोली देना सुनिश्चित करेंगी।