खेग्रामस का राज्यव्यापी प्रदर्शन के तहत डुमरांव प्रखंड पर धरना
मनरेगा मजदूरी चोर, भाजपा सरकार गद्दी छोड़! का नारा गांव-गांव में गूंज रहा है!
डुमरांव. अखिल भारतीय खेत एवं मजदूर सभा (खेग्रामस) की ओर से अक्षत भभूत नहीं, रोजी, रोटी और आवास चाहिए. आजादी, लोकतंत्र और संविधान का सम्मान चाहिए. नारे के साथ डुमरांव प्रखंड कार्यालय पर खेग्रामस ने धरना दिया.
धरना की अध्यक्षता खेग्रामस जिला उपाध्यक्ष ललन राम और संचालन खेग्रामस जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान ने किया. धरना का नेतृत्व माले प्रखंड सचिव सुकर राम, बीर उपाध्याय, मानरूप पासवान, भगवान पासवान, शिवजी राजभर, जाबिर हुसैन, ऐपवा नेत्री पूजा देवी ने किया.
धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहां कि मनरेगा मजदूरी के साथ मोदी सरकार ने बड़ा छलावा किया है. सरकार न्यूनतम मजदूरी कानून का उलंघन कर रही है, उन्हें न तो राज्य की न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है और न केंद्र की. 228 रुपए की हास्यास्पद दैनिक मजदूरी पर मनरेगा मजदूरों से काम लिया जा रहा है.
2022 तक सबको पक्का मकान देने का वादा करने वाली मोदी सरकार ने बिहार के गरीबों के साथ नाइंसाफी की है. 2017 से राज्य को प्रधानमंत्री आवास योजना का कोई आवंटन नही दिया गया है. बढ़ती मंहगाई में कोई राहत पैकेज नहीं, लेकिन अक्षत-भभूत बांट कर लोगों को भरमाया जा रहा है. सभा को माले के बक्सर जिला सचिव नवीन कुमार सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया.
धरना के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि तमाम अनधिकृत बसावट का सर्वे सरकार कराए और नया वास आवास कानून बनाए. दलित गरीबों के 5 गारंटी आंदोलन के तहत यह आंदोलन चल रहा है. आंदोलन के माध्यम से पेंशन बढ़ोत्तरी की मांग भी उठाई गयी.
