नाथनगर, भागलपुर। प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय रसीदपुर दियारा, नाथनगर के प्रांगण में शुक्रवार को एक अनोखा शिक्षण अनुभव कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मिलकर “पानीपुरी स्टॉल” लगाया। इस रोचक पहल का उद्देश्य बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा के माध्यम से खरीद-बिक्री, लेन-देन, सामग्री प्रबंधन और मुद्रा की समझ प्रदान करना था।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय परिसर में बच्चों द्वारा लगाए गए स्टॉल पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। शिक्षकगण दिलीप कुमार रजक, प्रमोद कुमार, सुमन कुमार, अनुपम कुमारी और मेघा कुमारी ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए उनसे सामग्री की लागत, बिक्री मूल्य और लाभ-हानि की जानकारी साझा करने को कहा। सभी शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं ने खुद पानीपुरी खरीदकर बच्चों के प्रयास की सराहना की और उनका उत्साह बढ़ाया।
शिक्षक दिलीप कुमार रजक ने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों में आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और गणनात्मक सोच को विकसित करती हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि बच्चों को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से जोड़ना आवश्यक है। इसी सोच के तहत यह गतिविधि आयोजित की गई।
शिक्षिका अनुपम कुमारी ने कहा कि बच्चों ने सामग्री की तैयारी से लेकर सजावट और बिक्री तक हर कार्य स्वयं किया, जिससे उन्हें टीम वर्क और जिम्मेदारी की भावना का भी अनुभव हुआ।
स्टॉल पर बच्चों ने उत्साहपूर्वक ग्राहकों का स्वागत किया और पैसे का सही हिसाब रखना भी सीखा। विद्यालय परिवार ने इस आयोजन को “सीखते हुए कमाने का अनुभव” बताया।
इस अवसर पर विद्यालय परिसर में हंसी-खुशी का माहौल देखने को मिला। शिक्षक और बच्चों ने मिलकर इस शिक्षाप्रद गतिविधि को मनोरंजक बनाते हुए एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया कि कैसे विद्यालय में छोटे-छोटे प्रयासों से जीवनोपयोगी शिक्षा दी जा सकती है।
संदेश यही — शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि व्यवहारिक जीवन से जुड़ी होनी चाहिए।