नगर परिषद की उदासीनता व एनजीओ की मनमानी के खिलाफ पार्षद ने उठाया कुदाल, स्वयं की सफाई
डुमरांव. नगर परिषद की उदासीनता व एनजीओ की मनमानी के खिलाफ वार्ड संख्या 26 के वार्ड पार्षद एकराम खां ने स्वयं कुदाल उठा कर सफाई करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहां नाली की साफ-सफाई व सड़क पर पड़े कूड़े कचरा का उठाव को लेकर बार बार चेयरमैन व उपचेयरमैन से गुहार लगानी पड़ती है. मुहल्ले के अशोक ठाकुर, सुनील, अनील ने कहा कि नगर परिषद व एनजीओ की मनमानी इस कदर है कि सप्ताह एक दो कुडा का उठाव होता है.
बता दें कि एनजीओ का कार्यकाल अगस्त माह में समाप्त हो गया है, लेकिन नगर परिषद व एनजीओ में बेहतर समन्वय होने से छह गुजरने के बाद नया टेंडर नहीं होना, अपने आप में बड़ा सवाल है. पार्षद ने स्वयं कुडा उठाया, यह पूरे नगर परिषद सहित जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. लगभग प्रतिमाह 50 लाख रुपए नगर परिषद क्षेत्र की साफ-सफाई में खर्च होते हैं.
लेकिन साफ-सफाई कर हाल एनजीओ के दंश झेल रहा है. जिससे मुख्य मार्ग की बात कौन करें, कई गली मुहल्लों में कुडे का अंबार देखने को मिल रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो साफ-सफाई की शिकायत करने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है. ऐसे नगर परिषद प्रशासन साफ-सफाई बेहतर करने की ढोल पीट रहा. लेकिन स्थानीय लोगों को यह बात हजम नहीं हो रहा है.
सफाई के नाम हर घर से प्रतिमाह एक निर्धारित राशि देनी है. लेकिन इसके एवज में लोगों को बेहतर साफ-सफाई व समय से कूड़े का उठाव नहीं होना परेशानी का सबब बना रहता है. नगर परिषद क्षेत्र के लोगों का कहना है कि नये टेंडर नहीं होना नगर परिषद प्रशासन व एनजीओ की मिली भगत सामने नजर आ रही है, बार बार एनजीओ को विस्तारित किया जा रहा है.
उपचेयरमैन विकास ठाकुर ने कहा कि नगर परिषद बोर्ड की बैठक साफ-सफाई का मुद्दे के साथ बार बार एनजीओ के विस्तारित करने को लेकर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत यहां चरितार्थ हो रही है. साफ-सफाई से उपचेयरमैन सहित एक दर्जन से अधिक पार्षद संतुष्ट नहीं हैं.
बात जो भी हो बार बार एनजीओ का विस्तार होना अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है. हर बार नगर परिषद कार्यपालक अधिकारी व चेयरमैन प्रतिनिधि एक ही बात कहते हैं, जल्द नये एनजीओ को लेकर टेंडर का कार्य पूरा हो जाएगा.