हिंदी दिवस पर शिक्षिका अंजू कुमारी का प्रेरक संदेश

सीतामढ़ी। मध्य विद्यालय गंगवारा, रून्नीसैदपुर की शिक्षिका अंजू कुमारी ने हिंदी दिवस के अवसर पर विद्यालय परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी केवल भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और पहचान की आत्मा है। उन्होंने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को मातृभाषा के प्रति गर्व और सम्मान की भावना रखने का संदेश दिया।
अंजू कुमारी ने कहा कि भारत जैसे विविधता से भरे देश में हिंदी एक ऐसी कड़ी है, जो उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम को जोड़ती है। हिंदी हमारे विचारों, भावनाओं और अनुभवों को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे हिंदी का प्रयोग केवल विद्यालय या औपचारिक अवसरों पर ही नहीं, बल्कि अपने दैनिक जीवन में भी गर्व के साथ करें।
उन्होंने बताया कि आज तकनीक के विस्तार के कारण हिंदी भाषा का दायरा और व्यापक हुआ है। मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट पर हिंदी का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म पर हिंदी सामग्री की बढ़ती लोकप्रियता यह साबित करती है कि हिंदी भविष्य की भाषा है। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम तकनीकी साधनों का उपयोग हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए करें, तो यह भाषा और भी सशक्त होगी।
हिंदी दिवस पर विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें निबंध लेखन, कविता पाठ और भाषण प्रतियोगिता शामिल रही। छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और हिंदी भाषा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। विजयी प्रतिभागियों को शिक्षिका अंजू कुमारी ने सम्मानित किया और उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिताएं केवल जीत-हार का मंच नहीं बल्कि अपनी मातृभाषा के प्रति प्रेम व्यक्त करने का अवसर है।
अंजू कुमारी ने यह भी कहा कि अंग्रेजी या अन्य भाषाओं का ज्ञान होना गलत नहीं है, लेकिन हिंदी को कमतर आंकना हमारी सबसे बड़ी भूल होगी। हमें हिंदी को आत्मसात करना होगा और इसे नई पीढ़ी तक गर्व के साथ पहुँचाना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब हम अपनी मातृभाषा में सोचते और अभिव्यक्त करते हैं, तो विचार और भी प्रभावी हो जाते हैं।
हिंदी दिवस का यह आयोजन विद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के लिए यादगार बन गया। शिक्षिका अंजू कुमारी का प्रेरक संबोधन और छात्रों की सक्रिय भागीदारी ने इस दिन को खास बना दिया। कार्यक्रम ने न केवल हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि छात्रों में मातृभाषा के प्रति सम्मान और गर्व की भावना भी जागृत की।