बिहारसासाराम

सासाराम की रजिया कामील अंसारी बनीं दूसरी बार महिला आयोग की सदस्य

महिला सशक्तिकरण और समाजसेवा में निभा रही अहम भूमिका

सासाराम (रोहतास)। जिले के लिए गौरव की बात है कि सासाराम की समाजसेविका रजिया कामील अंसारी, जदयू नेता पति बदरे कामील अंसारी को दूसरी बार बिहार राज्य महिला आयोग की सदस्य मनोनीत किया गया है। इससे पूर्व भी वे वर्ष 2020 में आयोग की सदस्य रही थीं और अपने कार्यकाल के दौरान महिलाओं के अधिकार, सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया था। पुनः चयन के बाद पूरे रोहतास जिले सहित सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण की पहचान बनीं रजिया

रजिया कामील अंसारी वर्षों से महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। उन्होंने नारी उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाया है। उनके प्रयासों से कई पीड़ित महिलाओं को न्याय और पुनर्वास मिला है। वे अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

दोबारा चयन पर जताया आभार

दूसरी बार सदस्य मनोनीत किए जाने पर रजिया कामील अंसारी ने सरकार और महिला आयोग की अध्यक्ष का आभार जताते हुए कहा कि यह न केवल उनका व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि पूरे सासाराम और रोहतास जिले के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा पीड़ित महिलाओं की आवाज़ बनती रही हूं, और आगे भी पूरे समर्पण और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगी। समाज में महिलाओं की गरिमा, सम्मान और सुरक्षा के लिए निरंतर काम करती रहूंगी।”

समाज के विभिन्न वर्गों ने दी बधाई

रजिया कामील के दोबारा सदस्य बनने पर रोहतास जिले के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और महिलाओं ने हर्ष जताया है। विभिन्न संगठनों ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उनका चयन महिला आयोग में समाज की वास्तविक प्रतिनिधित्व को दर्शाता है। स्थानीय महिलाओं ने उन्हें ‘आवाजहीन महिलाओं की आवाज’ बताया।

प्रेरणा स्रोत हैं रजिया कामील

रजिया कामील अंसारी का जीवन सामाजिक संघर्ष, सेवाभाव और महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित रहा है। उनकी कार्यशैली, संवेदनशीलता और निष्पक्षता ने उन्हें महिला आयोग के लिए उपयुक्त चेहरा बनाया है। उनके प्रयासों से न सिर्फ महिलाएं जागरूक हुईं, बल्कि कई लड़कियों को पढ़ाई और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी मिली।

रजिया कामील अंसारी का दोबारा महिला आयोग की सदस्य बनना न केवल सासाराम, बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। उनके अनुभव और समर्पण से निश्चित रूप से महिला आयोग को मजबूती मिलेगी और राज्य की महिलाओं के हक और अधिकारों की रक्षा को नई दिशा मिलेगी।

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