पटना – एमडीए अभियान की सफलता में डीसीएम व डी एम एंड ई की होगी अहम भूमिका : परमेश्वर प्रसाद
स्वीकृति एप के माध्यम से डेली कवरेज रिपोर्ट में होगी आसानी
एमडीए राउंड की सफ़लता के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित
एमडीए राउंड वाले 24 जिलों के स्वास्थ्यकर्मियों ने लिया भाग
पटना। भारत सरकार वर्ष 2030 के बदले अब वर्ष 2027 तक देश से फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हम सभी को सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान को जनआंदोलन के रूप में विकसित करना होगा।
सर्वजन दवा अभियान की सफलता में डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी मोबिलाइजर (डीसीएम) और डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिसर (डीएमएंडई) की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। डीसीएम की सशक्त भागीदारी से ही एमडीए अभियान को सफल बनाया जा सकता है। उक्त बातें गुरुवार को एक होटल में राज्य के 24 जिलों के डीसीएम और डीएमएंडई के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में फाइलेरिया के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कहीं।
डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि उक्त अभियान के सफल संचालन के लिए पिछले चक्र में एमडीए की डेली रिपोर्टिंग स्वीकृत एप के जरिए हुयी थी। जिसका बेहतर परिणाम सामने आया था। इससे एमडीए डेटा कवरेज की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुयी थी। इसके अलावा इस एप के माध्यम से दवा संबंधी जानकारी भी मिलती है।
सरकारी विद्यालयों व PHC तथा मेडिकल कॉलेजों में लगाया जाएगा बूथ
फाइलेरिया के अपर निदेशक सह एसपीओ डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि 10 फरवरी से राज्य के 24 जिलों में चलने वाले सर्वजन दवा सेवा अभियान के शुरुआती के तीन दिनों तक स्कूलों में बूथ लगाया जाएगा । इसके लिए शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
इसके अलावा सभी जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर और जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज हैं। वहां लगातार 17 दिनों तक बूथ लगाया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आशा दीदी की टीम नहीं जाएगी। बल्कि इन स्वास्थ्य केंद्रों व मेडिकल कॉलेजों के स्वास्थ्य कर्मी ही दवा खिलाएंगे।
भियान का किया जाएगा प्रचार-प्रसार
फाइलेरिया के अपर निदेशक सह एसपीओ डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम किए जाएंगे। इसी क्रम में इस वर्ष रेलवे स्टेशनों पर भी एमडीए अभियान की सफलता के लिए माइकिंग के द्वारा प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। इसके लिए रेलवे के वरीय अधिकारी डीआरएम से बात की गई है। जल्द ही रेलवे स्टेशनों पर इसकी शुरुआत होगी। इसके अलावा ई-रिक्शा और माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
मजबूती से काम करेंगे DCM व BCM : डॉ वाइएन पाठक
आशा सेल के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. वाईएन पाठक ने कहा कि दस फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए राउंड में सभी डीसीएम एवं बीसीएम मजबूती के साथ लग जाएं। ताकि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष और बेहतर परिणाम मिले। इसके अलावा उन्होंने आपेक्षित सहयोग पर विस्तार से चर्चा की। वहीं, आशा सेल के टीम लीड प्रणय ने आशा सेल एवं फाइलेरिया सेल के मध्य समन्वय पर चर्चा की
प्रखंड स्तरीय रणनीति फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जरूरी:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि एमडीए राउंड की सफलता के लिए प्रखंड स्तर के स्वास्थ्यकर्मियों का तकनीकी प्रशिक्षण एवं निरंतर संवेदीकरण जरुरी है। इसे ध्यान में रखते हुए एमडीए राउंड से पूर्ण प्रखंड स्तरीय रणनीति पर जोर दिया जा रहा है। इस क्रम में प्रखंड स्तर पर फाइलेरिया क्लिनिक का निर्माण, प्रखंड स्तर पर नाईट ब्लड सर्वे एवं एमडीए के दौरान इवनिंग मीटिंग पर जोर दिया जा रहा है।
डॉ पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज में एक प्रमुख रोग है। विश्व के 72 देशों में 85.9 करोड़ आबादी फाइलेरिया के खतरे में हैं। विश्व भर में फाइलेरिया विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है। इससे विश्व भर में लगभग 200 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति होती है. बिहार में वर्ष 2004 से ही एमडीए राउंड चलाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने रोग एवं एमडीए की कई अन्य तकनीकी पक्ष पर विस्तार से चर्चा की.
इस दौरान पिरामल द्वारा एमडीए की डेली रिपोर्टिंग के लिए स्वीकृत एप पर विस्तार से जानकारी दी गयी. कार्यशाला में डब्ल्यूएचओ के डॉ माधुरी, राज्य फाइलेरिया सलाहकार डॉ अनुज रावत और प्रभात कुमार भी मौजूद रहे। कार्यशाला का संचालन पिरामल के डॉ इंद्रनाथ बनर्जी ने किया. साथ ही राज्य के 24 एमडीए जिलों से डीसीएम और डीएमएंडई के अलावा पीसीआई से डॉ पंखुरी मिश्रा, लेप्रा के राज्य समन्वयक डॉ रजनीकांत और सीफ़ार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रणविजय सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।