बेतिया : जिले के 5 वर्ष तक के मूक- बधिर बच्चों की पहचान को लेकर लगेगा स्क्रीनिंग कैंप
शहरी प्रा० स्वा० केन्द्र, उत्तरवारी पोखरा में मूक- बधिर बच्चों की होगी मुफ्त जाँच
राज्य सरकार की सहायता से मूक- बधिर बच्चों का कानपुर में मुफ्त में होगा कॉक्लियर इम्प्लांट – रंजन कुमार मिश्रा
बेतिया। जिले के 0 से 5 वर्ष तक के मूक-बधिर बच्चों की पहचान करने को लेकर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उत्तरवारी पोखरा में 23 दिसम्बर को स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया जाएगा। इस स्क्रीनिंग कैंप में आवाज सुनने एवं बोलने में काफ़ी परेशानियों का सामना करने वाले बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। उनकी ऑडियोलाजिस्ट द्वारा जाँच की जाएगी। वहीं गंभीर मामलों वाले बच्चों को अभिभावक के साथ कॉक्लियर इम्प्लांट हेतु
डॉ एसएन मेहरोत्रा मेमोरियल ईएनटी फाउंडेशन कानपुर भेजा जाएगा। जहाँ ऑपरेशन कराकर वे अपना सफल इलाज कराएंगे। ये बातें आरबीएसके जिला समन्वयक रंजन कुमार मिश्रा ने कही है। उन्होंने बताया कि आरबीएसके योजना अन्तर्गत बच्चों में होने वाली 43 तरह की बीमारियों का पता लगाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों व सरकारी विद्यालयों पर स्क्रीनिंग कैंप लगाकर बच्चों की जाँच की जाती है।
बहरेपन की इलाज में न करें देरी
जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि बहरेपन की समस्या से बच्चों को बचाने के लिए समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। इसके लिए माता- पिता दोनों को ध्यान देने की जरूरत है। बहुत सारे बच्चों में जन्मजात बहरेपन और नहीं बोल पाने की जानकारी माता- पिता को होती है।
इसके बावजूद भी वो बच्चों के बड़ा होने का इंतजार करने लगते हैं। यही लापरवाही आगे चलकर गंभीर हो जाती व ठीक भी नहीं हो पाती है। बिहार सरकार मूक- बधिर बच्चों के लिए श्रवण श्रुति योजना चला रही है। जिसके जरिए अब 5 वर्ष तक के बच्चों की निःशुल्क सर्जरी कराने की व्यवस्था की गई है।
कब की जाती है कॉक्लियर इंप्लाट सर्जरी
बच्चों में जन्मजात बोलने और सुनने में होने वाली समस्या को दूर करने के लिए कॉक्लियर इंप्लाट सर्जरी की जाती है। बहुत सारे बच्चे छह महीने के बाद भी नहीं बोल और सुन पाते हैं। इसके निदान के लिए सर्जरी को चुना जा सकता है। कॉक्लियर इंप्लाट सर्जरी में एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग किया जाता है। उसे अंदर और बाहर फिट करने के लिए सर्जरी की जाती है।
सर्जरी के दौरान 4-5 घंटे का समय लगता है। मरीज को बेहोश कर सर्जरी होती है। इससे बच्चों में सुनने की क्षमता विकसित होती है। गूंगे और बहरे बच्चों के लिए सर्जरी किसी वरदान से कम नहीं है।श्रवण श्रुति योजना के अन्तर्गत ऐसे मूक- बधिर बच्चों के अभिभावक बच्चों के इलाज हेतु सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत आरबीएसके चिकित्सक एवं जिला स्वास्थ्य समिति में जिला समन्वयक रंजन कुमार मिश्रा से नंबर 8406065835 पर सम्पर्क कर सकते हैंl एवं इस योजना का लाभ उठा सकते हैंl