बेतिया : “एक सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी” थीम के साथ मनाई गईं विश्व डेंगू दिवस
डेंगू पर नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य केंद्रों पर किया गया लोगों को जागरूक
बरसात के बाद ज्यादातर पनपते है डेंगू के मच्छर, डेंगू मरीज के घरों के आस- पास 500 मी. के दायरे में कराई जाती है फॉगिंग
बेतिया। जिले के बेतिया, चनपटिया, मझौलिया, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में विश्व डेंगू दिवस के मौके पर “एक सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी” थीम के साथ विश्व डेंगू दिवस मनाया गया। इस दौरान लोगों को डेंगू से बचाव का संदेश दिया गया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि डेंगू बरसात के मौसम के बाद यानी अगस्त से अक्टूबर के समय में ज्यादा फैलता है।
क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। यह मादा एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है, इसमें तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, काला पखाना होना आदि डेंगू के लक्षण देखने को मिलते हैं। इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है। ऐसे लक्षण हो तो तत्काल सरकारी अस्पताल जाकर इसका जाँच करवाना जरूरी होता है।
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है जाँच की सुविधाएं
भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया की जिले के सभी 18 प्रखंडो के स्वास्थ्य केंद्रों सहित मेडिकल कॉलेज बेतिया में डेंगू की जांच उपलब्ध है, वहीं इसके बेहतर इलाज की सुविधाएं जीएमसीएच में उपलब्ध है।
उन्होंने बताया की प्रभावित स्थानों पर इसके नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय- समय पर फोगिंग कराई जाती है। वहीं डेंगू के मरीज मिलने पर 500 मी. के दायरे में लोगों को जागरूक करने के साथ मरीज के घरों के आस- पास 500 मी. के दायरे में फॉगिंग कराई जाती है।
उन्होंने बताया की पिछले वर्ष से अब तक जिले में डेंगू के 155 से ज्यादा मामले आए थें। बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 18 बेड तो बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में 06 बेड एवं नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल में 06 बेड उपलब्ध कराए जाते है।
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूरी
जिले के वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया की यह जानलेवा बीमारी है इससे सतर्क रहने की जरूरत होती है। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें।