डुमरांव. स्थानीय थाना सहित नया भोजपुर, कोरानसराय, कृष्णाब्रहम परिसर में थानाध्यक्ष के नेतृत्व में सोमवार को स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नए अपराधी कानून के प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी गई.
बताते चलें कि एक जुलाई से बिहार के साथ-साथ देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए. इस नए कानून के लागू होने से पहले बिहार पुलिस, पदाधिकारियों नेे प्रशिक्षण प्राप्त किया है, अब तक 25 हजार पदाधिकारियों को नए आपराधिक कानून को लेकर प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
बिहार समेत पूरे देश भर में तीन आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए. इस नए कानून को बिहार पुलिस भी लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार 1 जुलाई को राज्य के सभी थानों में नए कानून की जानकारी देने के लिए कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.
मिलेगी बेहतर पुलिसिंग
नए कानून में आरोपी और पीड़ित दोनों को 14 दिनों के अंदर एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट/चार्जशीट, बयान, स्वीकारोक्ति और अन्य दस्तावेजों की प्रतियां प्राप्त करने का अधिकार है.
इसके साथ ही मामले की सुनवाई में अनावश्यक देरी से बचने के लिए न्यायालय अधिकतम दो स्थगन प्रदान कर सकते हैं, जिससे समय पर न्याय सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
नए कानूनों में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित करने, कानूनी कार्यवाही की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए गवाह सुरक्षा योजना को अनिवार्य किया गया है.
मिलेगी चिकित्सीय सुविधा
एसडीपीओ ने बताया कि नए कानून महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध के पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निःशुल्क प्राथमिक उपचार या चिकित्सा उपचार की गारंटी देते हैं. यह प्रावधान चुनौतीपूर्ण समय में पीड़ितों की कुशलता और स्वास्थ्य लाभ को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक चिकित्सा देखभाल तक तत्काल पहुंच सुनिश्चित करता है.
वीडियोग्राफी की जाएगी
किसी मामले और जांच को मजबूत करने के लिए, फारेंसिक विशेषज्ञों का गंभीर अपराधों के लिए अपराध स्थलों का दौरा करना और साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य हो गया है. साक्ष्यों से छेड़छाड़ को रोकने के लिए अपराध स्थल पर साक्ष्य संग्रह की प्रक्रिया की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी की जाएगी. नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है, ताकि सूचना दर्ज होने के दो माह के अंदर जांच पूरी हो सके.
इलेक्ट्रानिक रूप से समन की तामील
वहीं अब इलेक्ट्रानिक रूप से समन की तामील की जा सकती है, जिससे कानूनी प्रक्रियाओं में तेजी आएगी, कागजी कार्रवाई कम होगी और सभी संबंधित पक्षों के बीच समुचित संवाद सुनिश्चित होगा.
कानून में संशोधन से लोगों को व्यापक लाभ
एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी ने कहां कि कानून में संशोधन से लोगों को व्यापक लाभ होगा. अब लोगों को न्याय के लिए दौड़ना नहीं पड़ेगा. आपकी न्याय व्यवस्था के लिए पुलिस स्वयं आप तक पहुंचेगी.