आवासित लगभग 03 माह के बालिका को मध्य प्रदेश के दम्पति ने लिया गोद

बक्सर। जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के द्वारा विशिष्ट दतक ग्रहण संस्थान बक्सर में आवासित लगभग 03 माह के बालिका को मध्य प्रदेश के दम्पति को दतक ग्रहण पूर्व पालक देख रेख (प्री-एडॉप्सन फोस्टर केयर) में दिया गया।
उसके जैविक माता-पिता की खोज करने हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन करवाया गया था, परन्तु उसके माता-पिता का पता नहीं चल पाया। तत्पश्चात उसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के एडॉप्शन की साइट पर पंजीकृत करवा दिया गया।
बालिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जारी दतक ग्रहण विनियम 2022 के प्रावधानों के आलोक में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर दतक ग्रहण हेतु प्रदान किया गया है। मध्य प्रदेश के दंपति के द्वारा लगभग 03 वर्ष 06 माह पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु पंजीकरण किया गया था
उनके द्वारा बालक को दतक ग्रहण में लेने हेतु सहमति दी गई। जिसके पश्चात दतक ग्रहण कमिटी की बैठक में दंपति के द्वारा समर्पित प्रमाण पत्रों एंव दतक ग्रहण हेतु उनके अभिरूचि की जाँच की गई और उन्हें दतक ग्रहण के लिए उपर्युक्त पाया गया।
जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में दतक ग्रहण आदेश के लिए आवेदन किया जाएगा। जिला पदाधिकारी द्वारा दतक ग्रहण आदेश जारी करने के पश्चात ही दतक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होगी। जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चें को उपहार प्रदान किया गया।
सहायक निदेशक द्वारा केन्द्रीय दतक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के द्वारा निवासी भारतीय भावी दतक माता-पिता के लिए राज्य और जोन वाइज दतक ग्रहण हेतु उपलब्ध बालकों और प्रतीक्षारत दंपति की विवरणी की उपलब्धता की नई व्यवस्था के अंदर भावी दतक माता-पिता अब सामान्य तौर पर पाँच बार प्राथमिकता विकल्पों को तथा लिंग, उम्र, एकल/भाई बहन तथा राज्य/जोन को तीन बार संशोधित कर सकेंगे।