मध्य विद्यालय कुसमार, संग्रामपुर (मुंगेर) के छात्र-छात्राओं को मिली ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहर की जानकारी
संग्रामपुर (मुंगेर)। मुख्यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण योजना के अंतर्गत मध्य विद्यालय कुसमार, संग्रामपुर (मुंगेर) के छात्र-छात्राओं को बिहार के प्रसिद्ध धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल मंदार पर्वत (बांका) का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। इस परिभ्रमण का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकों के ज्ञान से आगे बढ़कर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक विरासत से प्रत्यक्ष परिचित कराना था।
मंदार पर्वत का पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व
मंदार पर्वत का उल्लेख हिंदू पौराणिक ग्रंथों में विशेष रूप से मिलता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय इस पर्वत का उपयोग मथानी के रूप में किया गया था। इस कारण यह स्थल भगवान विष्णु से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही मंदार पर्वत जैन धर्म के लिए भी अत्यंत पवित्र माना जाता है, जिससे यह स्थान धार्मिक समन्वय का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है।
भगवान विष्णु (मधुसूदन) का प्रमुख स्थल
मंदार पर्वत को भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है। यहां स्थित मधुसूदन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। विद्यार्थियों को बताया गया कि पास ही स्थित पापहरणी सरोवर का धार्मिक महत्व भी अत्यंत गहरा है, जहां स्नान करने से पापों से मुक्ति की मान्यता है। इस जानकारी ने बच्चों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक जिज्ञासा को और प्रबल किया।
जैन तीर्थंकर वासुपूज्य से जुड़ी आस्था
जैन धर्मावलंबियों के लिए मंदार पर्वत अत्यंत पवित्र तीर्थस्थल है। मान्यता है कि 12वें जैन तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य को यहीं केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई तथा यहीं उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। इस तथ्य से विद्यार्थियों को जैन धर्म की परंपराओं एवं सिद्धांतों को समझने का अवसर मिला।
अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल
मंदार पर्वत पर नरसिंह भगवान का मंदिर भी स्थित है, जो भगवान विष्णु के अवतारों में से एक हैं। इसके अतिरिक्त पर्वत मार्ग में हनुमान जी की कई प्रतिमाएं स्थापित हैं, जो श्रद्धालुओं में विशेष आस्था का केंद्र हैं। इन स्थलों ने विद्यार्थियों को भारतीय धार्मिक विविधता से परिचित कराया।
शिक्षकों की भूमिका और शैक्षणिक उद्देश्य
इस शैक्षणिक परिभ्रमण में शिक्षिका रूपरेखा कुमारी की सक्रिय भूमिका रही। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रत्येक स्थल का ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व सरल भाषा में समझाया। उन्होंने बताया कि ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं और उनमें सीखने की रुचि बढ़ाते हैं।
विद्यार्थियों में दिखा उत्साह
भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं में खासा उत्साह देखने को मिला। उन्होंने न केवल धार्मिक स्थलों का अवलोकन किया, बल्कि प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा भी प्रकट की। बच्चों ने इस यात्रा को ज्ञानवर्धक और यादगार बताया।
निष्कर्षतः, मुख्यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण योजना के तहत आयोजित यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और संस्कारवर्धक सिद्ध हुआ, जिसने उनके शैक्षणिक अनुभव को और समृद्ध बनाया।