पटना : राज्य के दो स्वास्थ्य केंद्रों का हुआ राज्यस्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणीकरण
इसमें पूर्णिया व वैशाली का स्वास्थ्य केंद्र शामिल, पांच स्वास्थ्य केंद्रों का चल रहा है असेसमेंट कार्य
पटना। राज्य में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस (एनक्यूएएस) प्रमाणीकृत स्वास्थ्य केंद्रों में फिर बढ़ोतरी हुई है। इस बार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, माता चौक (पूर्णिया) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, धनुषी (वैशाली) को राज्यस्तरीय एनक्यूएएस प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। दोनों ही स्वास्थ्य केंद्रों को क्रमश: 87 और 78 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
इन केंद्रों के राष्ट्रीय प्रमाणीकरण के लिए अब आवेदन समर्पित किया जाएगा। राज्य के एनक्यूएएस असेसर डॉ धनंजय ने बताया कि निचले पायदान के स्वास्थ्य केंद्रों का प्रमाणीकरण होना सीधे तौर पर सूबे में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ होने का संकेत है। इसका बड़ा फायदा एक ऐसे समुदाय को होगा जो सुदूर क्षेत्रों में रहते हैं। राज्य स्वास्थ्य के इंडिकेटरों में भी इससे व्यापक वृद्धि होगी।
5 और स्वास्थ्य केंद्र को मिल सकता है NQAS प्रमाणीकरण
जून माह में ही राज्य के पांच जिलों के पांच अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए असेसमेंट कार्य किया जा रहा है। जिन पांच स्वास्थ्य केंद्रों में असेसमेंट कार्य किया जा रहा है उनमें पटना जिला का संदलपुर यूपीएचसी, पूर्णिया का रानीपतरा एपीएचसी, मुजफ्फरपुर का यूपीएचसी कन्हौली, बक्सर का सीएचसी सिमरी, बेगूसरास का यूपीएचसी तेलिया पोखर आदि शामिल है। पहले चरण में इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों का राज्य स्तरीय प्रमाणीकरण किया जाएगा।
NQAS प्रमाणपत्र के लिए न्यूनतम अर्हता है 70% अंक
अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का एनक्यूएएस के चेक लिस्ट के अनुसार मूल्यांकन दो स्तरों पर किया जाता है। पहले राज्यस्तरीय टीम द्वारा अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण कर वहां उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी एकत्रित की जाती है।
एकत्रित जानकारी के आधार पर संबंधित अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के लिए अंक प्रदान किया जाता है। 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर सम्बंधित अस्पताल को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उसके बाद संबंधित अस्पताल राष्ट्रीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए पात्र बन जाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने पर नेशनल टीम द्वारा फिर से अस्पताल का निरीक्षण किया जाता है। इस मूल्यांकन के आधार पर स्वास्थ्य केंद्र को फिर से प्रत्येक मानकों में 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करना होता है। तभी उसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणीकृत होगा।

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