अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण कर हरित क्रांति का दिया गया संदेश
डुमरांव। विश्व पर्यावरण दिवस पर अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में पौधरोपण कर हरित क्रांति का संदेश दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सब जज दो कमलेश सिंह देउ और सब जज 3 प्रीति आनंद ने की। कार्यक्रम का संचालन उमेश गुप्ता रौनियार ने किया, जहां पेड़ लगाकर शांति व समृद्धि का संदेश दिया गया।
संबोधित करते हुए सब जज दो कमलेश सिंह देउ ने कहा कि आज इस बढ़ते तापमान को देखकर यह तो बताने की जरूरत बिल्कुल ही नही है कि पेड़ लगाने क्यों जरूरी है। हर इंसान को कम से कम 10 पेड़ जरूर लगाकर उन्हे सिंचित कर उनकी सेवा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ मित्र भी है, क्योंकि सच्चा मित्र की मित्रता निस्वार्थ होती है। मौके पर सब जज तीन प्रीति आनंद ने कहां कि आज की बिगड़ते हालत के लिए मुख्य रूप से हम सभी जिम्मेवार है।
अंधाधुंध हरे भरे पेड़ की कटाई से पर्यावरण पूरी तरह से दूषित हो गया है। जिसका दुष्परिणाम देखने को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष लगाना कई संतानों के बराबर होता है। बगैर पेड़ पौधों के वर्षा कम होती है। हमें पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ पौधारोपण कर उन्हें वृक्ष बनाने तक ध्यान रखना होगा।
उन्होंने अपील किया कि कम से कम दस पौधे अपने जीवनकाल में अपनी ओर से सिंचित ताकि हमारा पर्यावरण की बेहतरी बनी रहे। उन्होंने कहा कि इसकी महत्ता को हर किसी को समझना होगा। जब तक हर व्यक्ति के अंदर पेड़-पौधों का आदर नहीं होगा तब तक पर्यावरण प्रदूषित होता जाएगा और इंसान के लिए खतरे की घंटी तेज होती जाएगी।
मौके पर पूर्व संयुक्त सचिव अरविंद कुमार ठाकुर ने कहा कि पेड़-पौधों का मानव जीवन में बड़ा महत्व है। ये हमें न सिर्फ ऑक्सीजन देते है। बल्कि तमाम प्रकार के फल-फूल, जड़ी बूटियां और लकड़ियां आदि भी देते है। घर के आसपास पौधरोपण करने से गर्मी, भू क्षरण, धूल आदि की समस्या से बच सकते है।
उन्होंने कहा कि वातावरण में जो विष फैला हुआ है, जो प्रदूषण व्याप्त है, उसके जिम्मेदार भी हम ही है। विकास की अंधी दौड़ में मानव यह भूल गया है कि वह जिस शाखा पर बैठा है, उसी को काटता भी जा रहा है।
ऐसे में हम सभी को पौधारोपण करना चाहिए। मौके पर अधिवक्ता संघ के महासचिव पृथ्वी नाथ शर्मा, उपाध्यक्ष शशिकांत राम, बाल अरुण, सुरेंद्र सिंह, रंजीत कुमार श्रीवास्तव, विष्णु शंकर श्रीवास्तव सहित, मनीष कुमार शशि अन्य कई मौजूद रहें।