पटना : पांच सूत्री मांगों को लेकर सेविकाओं-सहायिकाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल
-सेविका को 25 हजार, सहायिका को 18 हजार रुपये मानदेय राशि की मांग
-राज्य सरकार ने बहलाया, मिला था मानदेय को दुगना करने का आश्वासन
पटना: राज्य में शुक्रवार से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अपनी लंबित मांगों को लेकर बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर यह हड़ताल किया जा रहा है.
शुक्रवार पटना के मनेर परियोजना कार्यालय के समक्ष सौ से अधिक सेविकाओं एवं सहायिकाओं ने धरना दिया। धरने पर सुषमा कुमारी, कुमकुम कुमारी, शीला कुमारी, कुमारी रीमा गुप्ता, पिंकी रानी, निर्मला कुमारी, शबाना निशात, कमलावती देवी, कविता देवी, सरोजनी कुमारी इत्यादि ने संबोधित करते हुए अपनी माँगो को रखा।
मानदेय को दुगना करने का किया था वादा
बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ के बैनर तले आयोजित धरना में मनेर प्रखंड अध्यक्ष सुषमा कुमारी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को दुगना करने का वादा किया गया था.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा अधिकांश चुनावी सभा में भी इसको लेकर आश्वासन दिया गया था. लेकिन मानदेय दुगना करने की बात दूर, सरकार ने प्रतिनिधि मंडल से मिलने की जरूरत भी नहीं समझी.
समिति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बता दी है अपनी माँग
सुषमा कुमारी ने बताया कि इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अपनी मांगों के बारे में जानकारी दी है. हमारी मांगों में यह भी शामिल किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार में भी ग्रेच्युटी भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए.
साथ ही योग्य सहायिक से सेविका में बहाली के लिए अतिरिक्त दस बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाये एवं सेविका से पर्यवेक्षिका तथा सेविका-सहायिका के रिक्त पदों पर अविलंब बहाली सुनिश्चित की जाए.
सेविकाओं एवं सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की माँग
अखिल भारतीय सेविका-सहायिका कर्मचारी संघ की नेतृत्वकर्ता कुमारी रंजना ने बताया कि लंबे समय से आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इसे लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है.
उन्होंने कहा सरकार से आंगनबाड़ी सेविकाओं को 25 हजार तथा सहायिकाओं को 18 हजार रुपये मानदेय राशि देने की मांग की गयी है. साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दस हजार रुपये सुनिश्चित करने आदि की मांग को लेकर संघर्ष जारी रहेगा.
सरकार पर आश्वासन देकर फुसलाने का आरोप
बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा जारी मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में राज्य सरकार पर आश्वासन देकर बहलाने-फुसलाने का आरोप लगाया है. पत्र में कहा गया है कि वर्तमान वर्ष में जनवरी माह से मार्च माह के बीच लगातार तीन महीने तक संघर्ष समिति के
तत्वाधान में आहूत चरणबद्ध आंदोलन के बीच निदेशक आइसीडीएस एवं प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग द्वारा दिए गए आश्वासन पर भरोसा करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चरणबद्ध आंदोलन के अंतिम चरण का राज्य व्यापी प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया था. लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार ने निर्णय नहीं लिया.