बेतिया : जिले में कालाजार उन्मूलन अभियान की हुई शुरुआत
– 60 दिनों तक होगा सिंथेटिक पैराथाइराइड का छिड़काव
– मझौलिया,व अन्य प्रभावित स्थानों पर दवा छिड़काव प्रारंभ
बेतिया। जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मझौलिया व अन्य प्रभावित स्थानों पर प्रशिक्षित छिड़काव दलकर्मियों के द्वारा कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की शुरुआत हो चुकी है। वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि कालाजार नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दूसरे राउंड के अभियान के तहत अगले 60 दिनों तक प्रभावित स्थानों में सिंथेटिक पैराथाइराइड का छिड़काव किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दलकर्मियों के द्वारा छिड़काव के दौरान कालाजार के लक्षण वाले मरीजों की खोज भी की जाएगी । लक्षण वाले मरीज मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर उनकी समुचित जाँच एवं कालाजार की पुष्टि होने पर पूर्ण उपचार भी किया जाएगा, जो पूर्णत; निःशुल्क होगा। उन्होंने बताया कि महादलित बस्तियों एवं झुग्गी-झोपडी में कालाजार से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही सिथेटिक पैराथाइराइड कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। ताकि कालाजार व उसके वाहक बालू मक्खी को जड़ से समाप्त किया जा सके।
घरों में होगा दवा का छिड़काव
मौके पर भीडीसीओ रमेश कुमार, भीबीडीएस सुजीत कुमार व प्रकाश कुमार ने बताया कि जिले के 18 प्रखंडों के चिह्नित स्थानों पर छिड़काव दलकर्मियों द्वारा सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव शुरू है,जो अगले 60 कार्य दिवस तक चलेगा। उन्होंने बताया कि कीटनाशक दवा का छिड़काव दीवार पर छह फुट तक होगा। ताकि बालू मक्खी मर जाए। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
भीबीडीएस डॉ सुजीत कुमार ने कालाजार के लक्षण की जानकारी देते हुए कहा बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है जिसमें 14 दिनों से अधिक बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा सूखी, पतली होना आदि कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है। ऐसे रोग के लक्षण होने पर सरकारी अस्पताल में जाँच कराएं। इलाज व दवाओं की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध है।
छिड़काव के वक्त इन बातों पर दें ध्यान
– घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें।
– खाने-पीने के सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर कर दें।
– भारी सामानों को कमरे के मध्य भा ग में एकत्रित कर उसे ढक दें।
– रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में दवा का छिड़काव कराएं।