सीतामढ़ी : फाइलेरिया मुक्त पंचायत की जनप्रतिनिधि रख रहे नींव
दवा खिलाकर घरों पर स्टीकर कर रहे चस्पा, रैली और जनसभा कर फैला रहे संदेश
सीतामढ़ी। जिले से फाइलेरिया को उन्मूलित करने के लिए अब यहां के जनप्रतिनिधि एक ही रंग में रंगे दिख रहे हैं। कोई प्रभात फेरी तो कोई जनसभाएं कर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खाने का आग्रह कर रहा है। ऐसे ही एक मुखिया रामनगर बेदौल के शंभु कुमार यादव हैं जो आशा के साथ अपने क्षेत्र के घरों में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करा कर उनके घर पर हमने दवा खा ली, आपने खाई का स्टीकर चस्पा कर रहे हैं।
शंभू कुमार यादव कहते हैं कि एक मुखिया होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि मेरा गांव समृद्ध के साथ स्वस्थ भी हो। यहां मैंने फाइलेरिया के कारण कई लोगों का दुख देखा है। इसलिए भी मैंने यह कदम उठाया है। आशा के साथ मैंने खुद भी दवा खा चुके लोगों का सर्वे किया और उनके घरों पर स्टीकर चिपकाया। इसे देखकर कई घरों ने बताया कि वह भी दवा खाना चाहते हैं।
आखिर जब एक पंचायत फाइलेरिया मुक्त होगा तभी तो जिला, राज्य और देश फाइलेरिया मुक्त होगा। ऐसा ही कुछ हाल सुरसंड के बघारी गांव का था। जहां के मुखिया पद्म राज भारद्वाज ने प्रभात फेरी और ग्राम सभा के दौरान ग्रामीणों को सर्वजन दवा सेवन अभियान के लिए जागरूक किया गया और दवा खाने वाले घरों पर वहां के मुखिया ने स्टीकर चिपकाया।
जनप्रतिनिधियों पर उन्मुखीकरण का असर
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि एमडीए अभियान के पूर्व पूरे जिले के जनप्रतिनिधियों के चार दिन का फाइलेरिया पर उन्मुखीकरण कराया गया। इसके दौरान फाइलेरिया बीमारी के बारे में, बीमारी के बाद होने वाली कठिनाइयां, सामाजिक दुष्प्रभाव,सामाजिक आर्थिक प्रभाव, कुरीति और भ्रम, निदान के बारे में व्यापक रूप से समझाया गया था।
जिसे जनप्रतिनिधियों ने काफी ध्यान से सुना और उसे अपने क्षेत्र में अमल भी ला रहे हैं। एक उदाहरण मैं मुसाचक, बैरगनिया के मुखिया दीनबंधु प्रसाद का लेता हूं उन्होंने पोस्टर और जनसभाओं के द्वारा अभियान पूर्व से ही लोगों के बीच जागरुकता फैला रहे हैं। यह न सिर्फ इस वर्ष फाइलेरिया उन्मूलन के लिए आशा की किरण लेकर आया है बल्कि इसका दूरगामी प्रभाव आने वाले वर्षों में भी देखने को मिलेगा।