बेतिया: मधुबनी और लौरिया में ट्रू-नेट मशीन का हुआ उद्घाटन
– पहले से बेतिया, नरकटियागंज, रामनगर व मैनाटांड में कार्यरत है ट्रू-नेट
– मात्र 40 मिनट में नार्मल टीबी व एक घंटे में एमडीआर की मिलेगी रिपोर्ट
बेतिया। जिले के टीबी मरीजों के लिए खुशखबरी है। सोमवार को मधुबनी, लौरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जिले के संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा के द्वारा ट्रू-नेट मशीन का उद्घाटन किया गया। डॉ चंद्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के अन्तर्गत, राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा टीबी मरीजों की खोज एवं उन्मूलन हेतु बिहार के कई जिलों में ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध कराई है। इससे अब टीबी मरीजों की जांच में काफ़ी तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि जिले में पहले से बेतिया, नरकटियागंज, रामनगर, मैनाटांड में ट्रू-नेट मशीन कार्यरत है। जहाँ प्रतिदिन 60-70 मरीजों की जाँच होती है। उन्होंने बताया कि इस नये मशीन के आने से समय की भी काफ़ी बचत होगी। ट्रू नेट मशीन से मात्र 40 मिनट में नार्मल टीबी और एक घंटे में एमडीआर टीबी की रिपोर्ट मिल जाती है। पहले ट्रू नेट मशीन से कोरोना का जाँच होता था। डॉ दिलीप कुमार एमओआईसी ने बताया कि टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित करने में अब आसानी होगी, उनके बलगम का सैंपल लेकर स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराया जाएगा।
दवाओं का पूरा कोर्स करना है जरुरी:
जिला यक्ष्मा केंद्र के सूर्य नारायण साह ने बताया कि टीबी मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जा रहीं है। दवाओं का पूरा कोर्स कर टीबी मरीज स्वस्थ हो सकते हैं। इसके लिए दवाओं के साथ संतुलित आहार का सेवन आवश्यक है। डॉ चंद्रा ने बताया कि एकबार टीबी की दवा ज़ब शुरू हो तो भूलकर भी दवा का सेवन बीच में न छोड़े। अन्यथा इसका बिगड़ा हुआ रूप एमडीआर का खतरा हो जाता है।
समय समय पर मरीजों के स्वास्थ्य की जाँच जरुरी:
डॉ रमेश चंद्रा ने बताया कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी मरीजों की मृत्यु से बचाव को अब एकसाथ कई प्रकार की जाँच की जा रहीं है। ऐसे में इनमें बीपी, वजन, शुगर, पल्स, छाती का एक्स रे, एचआईवी आदि की जाँच समय समय पर कराते रहना चाहिए। इससे उनके अंदर की कमियों की जानकारी होगी, जिससे कम समय में उनके स्वास्थ्य का डिटेल्स पता चलेगा और टीबी के साथ ही अन्य बीमारियों का पता चलने पर देखभाल करते हुए दवा खिलाकर स्वस्थ किया जा सकेगा। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह संचारी रोग पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार, जिला यक्ष्मा केंद्र के सूर्य नारायण साह, एसटीएस एवं एसटीएलएस व अन्य कर्मी उपस्थित थे।