मोतीहारी की सादिया मुमताज ने स्पीड क्वैड में रचा इतिहास, पहला स्थान हासिल कर बढ़ाया जिले का मान

मोतीहारी (पूर्वी चम्पारण)। प्रतिभा किसी अवसर की मोहताज नहीं होती, यह साबित कर दिखाया है मठीया जीरात, मोतीहारी की बेटी सादिया मुमताज ने। भारतीय रोलर स्केटिंग महासंघ द्वारा आयोजित “स्पीड क्वैड प्रतियोगिता” में सादिया ने अपनी कड़ी मेहनत, लगन और निरंतर अभ्यास के दम पर प्रथम स्थान हासिल कर न केवल अपने परिवार और मोहल्ले का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे मोतीहारी और बिहार का गौरव भी बढ़ाया है।
मेहनत और हौसले से मिला मुकाम
सादिया मुमताज की सफलता किसी संयोग का परिणाम नहीं है। वर्षों से निरंतर अभ्यास, आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें यह मुकाम दिलाया है। प्रतियोगिता में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर निर्णायक मंडल और दर्शकों का दिल जीत लिया। सादिया ने यह भी साबित कर दिया कि यदि इच्छाशक्ति और लगन मजबूत हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।
प्रतियोगिता के बाद खुशी व्यक्त करते हुए सादिया ने कहा –
“कदम चूम लेगी खुद आकर के मंजिल, मुसाफिर अगर अपनी हिम्मत ना हारे।” उनके इस कथन ने सभी उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया।
परिवार का साथ बना सबसे बड़ी ताकत
सादिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, बहन, मामा और मामी को दिया। उनकी मां, डॉ० तब्सुम प्रवीण, ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, वहीं पिता और परिवार के अन्य सदस्यों ने हर कदम पर सहयोग किया। परिवार के इसी अटूट समर्थन ने सादिया को कठिन परिस्थितियों में भी हार मानने से रोका और निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
मोहल्ले और शहर में खुशी का माहौल
सादिया की इस उपलब्धि से पूरे मोहल्ले और शहर में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके सम्मान में लोग मिठाइयां बांटते दिखे और हर कोई उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहा है। मोहल्ले की बच्चियां भी सादिया को प्रेरणा के रूप में देख रही हैं और यह संदेश मिल रहा है कि यदि मेहनत की जाए तो किसी भी क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को दिलाना चाहती हैं पहचान
सादिया मुमताज का सपना केवल राष्ट्रीय स्तर पर रुकने का नहीं है। वह स्केटिंग के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं और देश के लिए मेडल जीतकर अपने वतन का नाम रोशन करना चाहती हैं। उनका मानना है कि मेहनत और निरंतर अभ्यास से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
सादिया बनीं नई पीढ़ी की प्रेरणा
सादिया की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और शहर के लिए गर्व की बात है, बल्कि उन सभी बालिकाओं के लिए भी प्रेरणादायी है, जो अपने सपनों को लेकर संघर्ष कर रही हैं। सादिया ने यह साबित कर दिया है कि यदि लक्ष्य बड़ा हो और हौसला मजबूत, तो सफलता निश्चित है।
निश्चित तौर पर, मोतीहारी की यह बेटी आने वाले दिनों में न केवल बिहार बल्कि पूरे देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रौशन करेगी। उनकी मेहनत, संघर्ष और उपलब्धि से आज हर कोई कह रहा है – “सादिया जैसी बेटियां ही असली प्रेरणा हैं, जो समाज और देश को नई दिशा दिखाती हैं।”