बेतिया : एईएस से निपटने को स्वास्थ्य विभाग तैयार, लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाएं

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अलर्ट मोड में है जिले के अस्पताल- डॉ हरेंद्र कुमार

कड़ी धूप में खेलने से बचें, रात्रि में बच्चों को खाली पेट न सोने दे माता-पिता 

बेतिया। लगातार बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग चमकी बुखार से बचाव को पूरी तरह मुस्तैद है। जिले में चमकी बुखार से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से शाम, रात्रि में चौपाल लगाए जा रहें है। प्रखंड स्तर के पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जीविका, आईसीडीएस के पदाधिकारीयों के द्वारा बैठक की जा रहीं है।

जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि लोगों को चमकी बुखार के लक्षण एवं इससे बचाव की जानकारी होनी बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में चमकी को लेकर स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं। बगहा और नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल में 8 बेड बाकी जगह 2 बेड आरक्षित किए गए है।

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डॉ हरेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए कहा की अभी तक जिले में एक भी जेई /एईएस के मरीज प्रतिवेदित नहीं हुए हैं यह सुखद है परंतु भीषण गर्मी को देखते हुए आशंका बनी हुई है और उसके समाधान की व्यवस्था जिला स्तर से की जा रही है। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह की व्यवस्था जिला स्तर से की जा रही है।

सभी पीएससी तथा अनुमंडलीय अस्पताल में 104 और 102 एंबुलेंस नंबर को डिस्प्ले कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के द्वारा जिन गाड़ियों की सूची है उसको भी संपर्क संख्या के साथ सभी पीएचसी तथा अनुमंडलीय अस्पताल में डिस्प्ले किया गया है।

अलर्ट मोड में है जिले के अस्पताल

डीभीबीडीसीओ डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा की जिले के अधिकारीयों के द्वारा पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल, जीएमसीएच के चमकी वार्ड एवं बेड, चिकित्सक, दवाओं के उपलब्धता की लगातार मॉनीटरिंग की जा रहीं है। भीबीडीएस प्रकाश कुमार एवं सुजीत कुमार ने बताया की दलित एवं ग्रामीण बस्तियों में चौपाल लगाकर लोगों को मस्तिष्क ज्वर के लक्षण की पहचान एवं इससे बचाव के उपाय की जानकारी दी जा रहीं है।

वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक द्वारा चमकी पर बैठक करने के साथ ही आशा फैसिलिटेटर, आशा,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा चौपाल लगाने व जागरूकता में सहयोग किया जा रहा है। जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया की चमकी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार जागरुकता है,

उन्होंने बताया की बच्चों को रात में खाली पेट ना सुलाएं और किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सीधे सरकारी अस्पतालों में लेकर जाएं। किसी प्रकार की ऐसी परेशानी होने पर देर ना करें। चमकी के लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाएं। उन्होंने बताया ज्यादा गर्मी पड़ने पर औऱ अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

चमकी को धमकी

1. खिलाओ: बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाओ।

2. जगाओ: सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ। देखो, कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं।

3. अस्पताल ले जाओ: बेहोशी या चमक दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जाओ।

चमकी बुखार(एईएस) से बच्चों को बचाने के लिऐ बच्चों को

-तेज धुप से दुर रखे।

-अधिक से अधिक पानी, ORS अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।

-हल्का साधारण  खाना खिलाएं, बच्चो को जंक-फुड से दुर रखे।

-खाली पेट लिची ना खिलाएं।

-रात को खाने के बाद थोड़ा मिठा जरूर खिलाऐ।

-घर के आसपास पानी जमा न होने दे।

-रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करे।

-पुरे बदन का कपड़ा पहनाएं।

-सड़े-गले फल खा सेवन ना कराएं, ताजा फल ही खिलाएं।

-बच्चो को दिन में दो बार स्नान कराएं।

लक्षण (बच्चो को)

-सरदर्द, अचानक तेज बुखार आना जो 5-7 दिनों से ज्यादा का ना हो।

-हाथ पैर मे अकड़ आना/टाईट हो जाना।

-बेहोश हो जाना।

-बच्चो के शरीर का चमकना/शरीर का कांपना।

-बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक संतुलन ठीक नही होना।

-गुलकोज़ का शरीर मे कम हो जाना।  

-शुगर कम हो जाना। ईत्यादि।

नोट: आपातकाल की स्थिती में नि: शुल्क एम्बुलेंस हेतु टाॅल फ्री नंबर 102 या 104 डायल करें या मरीज को अपने निजी वाहन अथवा अन्य किसी वाहन से स्वास्थ्य केंद्र लाने पर उन्हें भाड़े की राशि स्वास्थ्य केंद्र/अस्पताल द्वारा दिए जाने का प्रावधान है। 

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