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मोतिहारी : फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कार्यशाला आयोजित 

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मोतिहारी। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पूर्वी चम्पारण के सदर अस्पताल के जीएनएम पारा मेडिकल प्रशिक्षण केंद्र में नाइट ब्लड सर्वे पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने की । इस मौके पर उन्होंने बताया कि जिले से फाइलेरिया को जड़ से समाप्‍त करने के लिए सभी का समन्वित प्रयास आवश्‍यक है। उन्होंने कहा कि जिले में सात नवम्बर से 14 नवम्बर तक 70 लाख 55 हजार की आबादी में जिले के 27 प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलने जा रहा है। जिसमें सभी पीएचसी के 56 सेशन साइटों में सर्वे किया जाएगा।

रात 8:30 से 12 बजे तक लिये जायेंगे रक्त के नमूने

डिभिबीडिसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि जिले के 27 प्रखंडों में दो स्थायी व अस्थायी साइट पर रात्रि 8:30 से 12:00 बजे तक नाइट ब्लड सर्वे होना है जिसमें सर्वे दलों का गठन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया गया है. नाइट ब्लड सर्वे में प्रशिक्षित एलटी/ बीएचएम /बीसीएम/सीएचओ/जीएनएम/एएनएम/भीडीएस की टीम रहेंगी। उन्होंने बताया कि 20 या 20 साल के ऊपर के व्यक्तियों का ब्लड सैम्पल लिया जाएगा।

नाइट ब्लड सर्वे के बाद एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा

भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व सत्यनारायण उराँव ने बताया कि 28 टीम ब्लड सैम्पल एवं टेस्टिंग का कार्य करेगी। नाइट ब्लड सर्वे के बाद राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया नियंत्रण के निर्देशानुसार जिले में एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा। जो 21 नवम्बर से संभवतः शुरू हो  जाएगी। जिसमें 2 साल से अधिक उम्र के लोगों को एल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोली आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मियों की  देखरेख में खिलाई जाएगी। यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस बात को ध्यान में रखना है कि इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएँ और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है।

फाइलेरिया की पहचान आसान नहीं

डीभीबीडिसीओ डॉ शरत चन्द शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया की पहचान आसान नहीं है, उन्होंने बताया कि फाइलेरिया परजीवी क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए शरीर मे फैलता है जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। इस बीमारी के लक्षण शरीर में प्रवेश के कई वर्षों बाद दिखाई देते हैं जो हाथी पांव, हाइड्रोसील आदि के रूप में प्रकट होते हैं।

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इससे बचाव को सरकार समय समय पर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दवा खिलाती है जिसका सेवन बेझिझक करनी चाहिए। मौके पर डीसीएम नन्दन झा, डैम आशुतोष कुमार, केयर डीपीओ मुकेश कुमार, भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार, सत्यनारायण उराँव, पीसीआई के डीसी मनोज कुमार, सिफार के डीसी सिद्धान्त कुमार, समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

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