संभावित टीबी मरीजों की होगी मल्टीपल जांच
पायलट के रूप में कांटी, मुशहरी और गायघाट में चल रहा था प्रोग्राम
मुजफ्फरपुर। टीबी से मृत्यु दर को कम करने तथा टीबी के संभावित मरीजों में से टीबी रोगियों की पहचान के लिए पूरे जिले में एक साथ टीबी केयर प्रोग्राम चलाया जाएगा। ये बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सीके दास ने एक निजी होटल में डिफरेंसिएटेड टीबी केयर के लिए आयोजित कार्यक्रम में कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने किया। डॉ दास ने बताया कि सभी प्रखंडों से आए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, मेडिकल ऑफिसर एवं एसटीएस को संभावित टीबी मरीजों की खोज के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के क्रम में यक्ष्मा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बीके मिश्रा और डॉ सिद्धार्थ ने भी तकनीकी बातें बतायी।
प्रशिक्षण के दरमियान 11 फिजिकल टेस्ट व पांच लैब टेस्ट करके कैसे टीवी मरीजों को मृत्यु के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है इस पर विस्तृत रूप से सभी लोगों को प्रशिक्षित किया गया। मीटिंग के दौरान टीबी के एसटीओ बिहार डॉ मिश्रा ने कहा कि टीबी मरीजों को उसके रिस्क के आधार पर सही ईलाज प्रदान किया जाए। वहीं जरूरत पड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में भर्ती करके उचित इलाज किया जाए, ताकि उसकी जान बचायी जा सके।
पिछले एक साल से जिला के तीन प्रखंडों में डिफरेंसिएटेड टीबी केयर पायलट के रूप में कांटी, मुशहरी और गायघाट में किया जा रहा था। जिसमें मुशहरी ब्लॉक का प्रदर्शन अच्छा था वहीं गायघाट टीम ने उम्मीद से बेहतर किया। उन्होंने 85% मरीज का रिस्क असेसमेंट करके यह साबित कर दिया कि अगर टीम भावना हो तो कोई भी काम असंभव नहीं है। गाय घाट टीम के लोगों ने कैसे कार्यक्रम को अंजाम दिया।
इस पर भी गाय घाट के एमओआईसी डॉ दीप नारायण, दीपक कुमार, डॉ रवानी व संजीव कुमार ने बताया कि इस ओरिएंटेशन सेशन के में एसीएमओ डॉक्टर सतीश कुमार, डीपीएम रेहान अशरफ, डब्ल्यूएचओ से डॉ उमेश त्रिपाठी, डॉ कुमार गौरव, विलियम जैक क्लिंटन फाउंडेशन से डॉक्टर प्रणति, अमर, आशुतोष, राकेश और डब्ल्यूवीआई से दिनकर, तन्मय और जिला टीबी सेंटर से अमिता मनोज कुमार सिंह, रविंद्र कुमार एवं टीवी चैंपियन सिद्धेश्वर, ईवीएम आन्या समेत अन्य लोग मौजूद थे।