सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिले के 51वाँ स्थापना दिवस के अवसर पर डुमरा हवाई अड्डा मैदान मे विकासात्मक प्रदर्शनी मे जिला भीबीडी नियंत्रण कार्यालय द्वारा लगाया गया फाईलेरिया नियंत्रणार्थ एमएमडीपी क्लीनिक का स्टाल अत्यन्त ही आकर्षण का केन्द्र रहा । एमएमडीपी क्लीनिक में व्यापक रूप से फाइलेरिया के बारे मे जानकारियाँ प्रदर्शित की गई और जनसमुदाय को फाइलेरिया के उपचार एवं बचाव के बारे मे जानकारी दी गई। विभिन्न प्रखंडों के सी एच ओ तथा भी बी डी पर्यवेक्षकों द्वारा भारी संख्या में आए हाथीपाँव के मरीजों को पैरों की समुचित देखभाल , स्वच्छता एवं घाव से बचने,नियमित व्यायाम, पैरों को उठाकर रखने के तरीके , तथा समुचित चप्पल / जूते पहने के तरीके व गुर बताये गये ।जिला पदाधिकारी एवं उनकी धर्मपत्नी तथा जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी ने हाथी पाँव के 35 मरीजों को एमएमडीपी किट भी वितरित किया एवं इसका नियमित उपयोग हेतु अनुरोध किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय ,जवाहरनगर , सुतिहारा के ब्च्चों द्वारा फाईलेरिया एवं अन्य मच्छर जनित रोगों के नियंत्रण का संदेशात्मक नुक्कर नाटक लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहा , जिसे खूब सराहा गया । जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने स्थापना दिवस के अवसर पर लोगों को बताया कि सीतामढ़ी के सभी प्रखण्डों मे एमएमडीपी क्लीनिक खुल गया है और इस तरह राज्य का पहला जिला बन गया है जहाँ यह सुविधा प्रखण्ड स्तर पर उपलब्ध है और सीएचओ / जीएनएम तथा चिकित्सकों द्वारा निरंतर सेवाएँ दी जा रही हैं ताकि यह बीमारी और अधिक गंभीर अवस्था मे नहीं जाये। लोगों को अब इसके लिए जिला मुगख्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी और वे अपने घरों के नजदीक ही इसका लाभ प्राप्त करें ।जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया की मच्छर के काटने और हाथीपाँव के लक्षण आने में 5 से 15 लग जाते हैं ।
आप वर्तमान में स्वस्थ दिखते है फिर भी आपके रक्त में फाइलेरिया के सूक्ष्म कृमि हो सकते हैं जो कालांतर हाथीपाँव या हाइड्रोसील का कारण बन सकते हैं ।इसीलिए फाइलेरिया से बचाव हेतु दवा (डीईसी एवं एल्बेंडाजोल) की एक खुराक साल में एक बार जरूर खाएं। आशा दीदी शीघ्र ही दवा लेकर आपके घर जायेंगी, दवा उनके सामने ही खाएं। केवल 2 वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती स्त्री, तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति दवा न खाएं। इस कार्यक्रम में विभाग की ओर से डीपीएम असीत रंजन, भीडीसीओ प्रिंस कुमार, भीबीडीएस मधुरेन्द्र कुमार, शिव शंकर प्रसाद, राकेश कुमार, दीपक कुमार, नवीन कुमार के साथ राजू रमण एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया। सिविल सर्जन एवं एसीएमओ ने पूरी टीम के कार्यों की सराहना की एवं आगे भी जागरूकता फैलाते रहने को कहा।