मोतिहारी। जिले में कालाजार से प्रभावित प्रखंडों में कालाजार के संभावित मरीजों की खोज की जा रही है। भीबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। इससे बचाव को लेकर साल में दो बार एसपी की दवाओँ का छिड़काव कराया जाता है। उन्होंने बताया कि जिले के हरसिद्धि, चकिया, पहाडपुर के साथ ही अन्य प्रखंडों में कालाजार, पीकेडीएल के संभावित मरीजों की खोज चल रही है। इस अभियान (एसीडी) के दौरान लक्षण मिलने वालों लोगों को चिह्नित कर समुचित जांच के लिए स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य संस्थान जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा हैं ताकि मरीजों की समय पर जांच व इलाज सुनिश्चित हो सके।
नवम्बर 2022 तक भीएल के 48 तो पीकेडीएल के मिले 14 केस
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस वर्ष जनवरी माह से नवम्बर 2022 तक भीएल के 48 तो पीकेडीएल के 14 केस मिले हैं । उन्होंने बताया कि पीकेडीएल के केसरिया में 1, मधुबन में 1, तेतरिया में 1, चकिया में 3, संग्रामपुर में 2, कोटवा में 2, हरसिद्धि में 2, बंजरिया में 1, चिरैया में 1,पहाड़पुर में 1 मरीज मिले हैं ।
कालाजार व पीकेडीएल में अंतर
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना, भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वहीँ वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनने लगे तो ये पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
सदर अस्पताल में कालाजार के मरीजों के नि:शुल्क इलाज की है सुविधा
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि कालाजार के मरीजों की जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। संक्रमित मरीज मिलने पर संबंधित पीएचसी द्वारा उन्हें सदर अस्पताल रेफर किया जाता है।
क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा दी जाती है 7100 रुपये की राशि
कालाजार के मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्हें दी जायेगी। पॉजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रूपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है।