मोतिहारी। बदलते मौसम का प्रभाव अब जिले में दिख रहा है। ठंड और कुहासों के कारण तापमान में गिरावट हो रही है। ऐसे में ठंड बढ़ने के कारण इस मौसम में मधुमेह, बीपी, हार्ट के मरीज को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि सर्दियों के मौसम में शरीर में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इसके कारण पुराने एवं गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज का खतरा बढ़ताहै। उन्होंने बताया कि ठंड के महीने में हार्ट अटैक, उक्त रक्तचाप, ब्रेन हैमरेज आदि के मामले 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। सबसे अधिक उन बुजुर्गों की परेशानी बढ़ जाती है, जो पहले से हार्ट के मरीज हैं।
जब शरीर को गर्मी की जरूरत होती है, तो हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे अटैक या स्ट्रोक का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए वैसे लोगों को घर से निकलते समय गर्म वस्त्र और ऊनी कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए। भोजन के उपरांत या सामान्य रूप से भी गर्म पानी का प्रयोग करना चाहिए। नियमित तौर पर मधुमेह, बीपी, हार्ट पेशेंट को दवाओं का प्रयोग करना चाहिए। धूप निकलने पर ही टहलना चाहिए।
गर्म पानी एवं धूप का सेवन है फायदेमंद
सिविल सर्जन ने बताया कि जो लोग मधुमेह के मरीज हैं, उनकी परेशानी भी सर्दियों में बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इस मौसम में लोग पानी भी कम पीते हैं। एक तरह से जीवनशैली बदल जाती है। लोग मीट, मछली, घी ज्यादा खाते हैं और शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। इसकी वजह से शुगर लेवल बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि बादाम और पिस्ते का सेवन हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। ग्रीन टी का सेवन भी उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। सर्दियों में उचित मात्रा में धूप सेंकना बेहद जरूरी है।
विटामिन डी के साथ आपको अपने खानपान में हरी सब्जियों को भी शामिल करना चाहिए। गर्म पानी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। मौसमी आदि रसीले फलों में भरपूर मात्रा में मिनरल्स और विटमिन-सी होता है। फल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए फलों का नियमित तौर पर सेवन करें। साथ ही हल्का व्यायाम करना चाहिए।
भरपूर नींद लें और तनाव से बचें
बीपी, हार्ट के मरीज को तनाव से बचना चाहिए। तनाव से कई रोगों के होने का खतरा बढ़ जाता है। नींद पूरी लेनी चाहिए, क्योंकि नींद पूरी होने के बाद आप सुबह तरोताजा महसूस करेंगे।