शिवहर। शिवहर जिले से हाथी पांव (फाइलेरिया) बीमारी को समाप्त करने के लिए 10 फरवरी 2023 से सर्वजन दवा सेवन अभियान आइडीए चलाया जाएगा। अभियान की सफलता और तैयारियों के संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र लिख कर निर्देश जारी किया है। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुरेश राम ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता के साथ हर स्तर पर सार्थक प्रयास कर रही है। फाइलेरिया उन्मूलन के लिये होने वाले आइडीए के दौरान सभी योग्य व्यक्ति दवा का सेवन करें। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की स्थिति जानने के लिए जिले भर में नाइट ब्लड सर्वे किया गया है। प्रतिवेदन के आधार पर जिन ब्लॉक में एमएफ रेट 1 प्रतिशत से कम आया है, वहां सर्वजन दवा सेवन का अभियान नहीं चलाया जाएगा।
तीन प्रकार की दवा खिलायी जाएगी
डॉ. सुरेश राम ने कहा कि आइडीए अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। अभियान की सफलता के लिए माइक्रो-प्लान बनाया जाएगा। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए तीन प्रकार की दवा खिलायी जाएगी। इस दौरान आशा और आंगनबाड़ी अपनी निगरानी में ही दवा खिलाएंगी। इन तीन दवाओं में आइवरमेक्टिन, डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा शामिल है। गर्भवती महिलाओं एवं अति गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी।
फाइलेरिया दीर्घकालिक विकलांगता का प्रमुख कारण
डॉ. सुरेश राम ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे एवं रुके हुए पानी में पनपता है। इस मच्छर के काटने से किसी भी उम्र का व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। लोगों की जिम्मेदारी है कि जब स्वास्थ्य कर्मी घर पहुंचें तो फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दवा का सेवन करें। इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है ।