मुजफ्फरपुर। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए आगामी 10 फरवरी से संचालित एमडीए कार्यक्रम में अब जागरूकता बाधा नहीं बनेगी। मुशहरी, मीनापुर सहित अन्य प्रखंडों में जीविका दीदी और फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क मेंबर्स के सदस्यों ने इसका जिम्मा उठाया है। मीनापुर के कोइली गांव में सूरज पेशेंट सपोर्ट की नेटवर्क मेंबर गीता देवी ने कहा कि आगामी आइडीए को लेकर नेटवर्क मेंबर्स ग्रामीणों के साथ अलग -अलग बैठक कर रहे हैं। वहीं रामानंद प्रसाद ने बताया कि हम लोग फाइलेरिया ग्रस्त हैं, पर संवाद की कमी ने एमडीए कार्यक्रम से हमें अलग रखा। इस कारण हम आज विकलांग की स्थिति में जी रहे हैं।
किशोरियों को भी किया आगाह
मुसहरी के नरौली डी गांव में नेटवर्क मेंबर लुखिया देवी ने गांव की 8 किशोरियों के साथ फाइलेरिया कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने किशोरियों से कहा कि यह गलत है कि फाइलेरिया सिर्फ उम्रदराज महिलाओं और पुरूषों को होता है। इस बीमारी के सामने आने में काफी समय लगता है। अगर कोई व्यक्ति एमडीए के तहत मिलने वाली दवा को खाता है तो उसमें पनपने वाले फाइलेरिया के परजीवी मर जाते हैं और व्यक्ति फाइलेरिया से सुरक्षित हो जाता है। इसके अलावा मीनापुर के मधुबनी गांव में भी जीविका मेबर्स के साथ फाइलेरिया और संभावित एमडीए कार्यक्रम के उपयोगिता की जानकारी दी गयी।
दवाओं के एडवर्स रिएक्शन पर दी जानकारी
बैठक के दौरान किशोरी सोनी कुमारी ने बताया कि पिछली बार दवा खाने से कुछ बच्चों की तबियत खराब हो गयी थी। जिसके कारण कई लोगों ने दवा नहीं खाई थी। इस पर लुखिया देवी ने बताया कि ऐसी परिस्थिति आने पर घबराना नहीं है। यह दवा की सामान्य प्रतिक्रिया है जो स्वतः ठीक हो जाती है। इससे किसी प्रकार की हानि नहीं है।